Pro-Tem Speaker: केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) के मुद्दे खींचातानी मची हुई है। कांग्रेस (Congress) सांसद के सुरेश, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और डीएमके (DMK) के टीआर बालू को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब (Bhartrhari Mahtab) की सहायता के लिए दी गई भूमिका को इंडिया ब्लॉक ने खारिज कर दिया है। यह फैसला तीनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद लिया गया।
वरिष्ठता को नजरअंदाज करने का आरोप
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के नेताओं ने आरोप लगाया है कि केरल से आठ बार सांसद रहे सुरेश को नजरअंदाज कर कटक से सात बार विधायक रहे भाजपा सांसद महताब को अध्यक्ष बनाया गया। परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ सांसद को ही प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है, लेकिन इस बार इस मानदंड को दरकिनार करते हुए इस तरह का अनुचित फैसला लिया गया है। प्रोटेम स्पीकर और उनकी सहायता के लिए नियुक्त किए गए लोग 24 जून से 26 जून तक नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
26 जून को लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष का चुनाव होने की उम्मीद है। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने महताब को अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया था। वरिष्ठ सांसदों – सुरेश, बालू, बंद्योपाध्याय और भाजपा सांसदों राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते के एक पैनल को महताब की सहायता के लिए नियुक्त किया गया था। तृणमूल के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा है कि, “हमने अपना विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है।
जिस तरह से सुरेश को नजरअंदाज किया गया, वह न केवल आठ बार के सांसद हैं, बल्कि दलित भी हैं। संसदीय मानदंडों को धता बताते हुए भाजपा सांसद को चुनना गलत है।” प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए नियुक्त किए गए इंडिया ब्लॉक के किसी भी सांसद ने अपनी भूमिका निभाने से इनकार कर दिया है। शनिवार को एक संयुक्त बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
भाजपा का पक्ष
भाजपा का कहना है कि सुरेश के आठ कार्यकाल बिना किसी अंतराल के नहीं आए, लेकिन महताब 1998 से लगातार कटक जीतते आ रहे हैं। उन्होंने बीजद उम्मीदवार के रूप में छह बार जीत हासिल की और 2024 में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की।
विपक्ष का संयुक्त मोर्चा
लोकसभा के विशेष सत्र से पहले तृणमूल, कांग्रेस और डीएमके ने मिलकर भाजपा (BJP) से मुकाबला करने का संकल्प लिया है। इससे पहले बंगाल की सीएम और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून संहिताओं को जल्दबाजी और मनमाने ढंग से लागू करने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। कांग्रेस और डीएमके ने भी पिछले नवंबर में विधेयकों का विरोध करते हुए असहमति पत्र प्रस्तुत किया था।
प्रोटेम स्पीकर कौन होता है?
प्रोटेम स्पीकर वह होता है जो नई लोकसभा के गठन के बाद सदन की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है। उनका मुख्य काम नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाना और स्थायी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया का संचालन करना होता है। सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है, जो सदन की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है जब तक कि नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता।