आई.आई.टी कानपुर ने किया शोध, अब किसी भी मौसम में करायी जा सकेगी बारिश

Sharad Chaurasia
By Sharad Chaurasia
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  • आई.आई.टी कानपुर
  • क्लोउड़ सीड़िग

कानपुरः आई.आई.टी कानपुर ने एक ऐसा शोध किया है जिसके सुनकर आप सभी लोग हैरान हो जायेगें। शोध के अनुसार- अब बारिश के लिए हम सभी को बादलों का इंतजार नही करना पडे़गा। और अब किसी भी समय बेमौसम बरसात किया जा सकता है। आई.आई.टी कानपुर पिछले कई सालों से क्लाउड़ सीडिंग (कृत्रिम बारिश) वर्षा पर शोंध कर रही थी, लेकिन अब जाकर आई.आई.टी कानपुर कृत्रिम वर्षा में सफलता मिल पायी है।

किसानों की लिए खुशखबरीः

क्लोउड़ सीड़िग वर्षा से अब किसानों को कृषि करने के लिए सूखें की मार नही पड़ेगी। कभी कभी किसानों द्वारा तैयार की जाने वाली फसलें को समय से बरसात न होने पर फसलें सूख जाती थी। और कभी कभी कई जिलों में सूखा भी पड़ जाता था। ऐसे में किसानों की फसलें सूखें की वजह से नष्ट हो जाती थी। अब इस शोध से काफी हद तक किसानों को अपनी कृषि करने के लिए पानी की मुश्किलों से छुटकारा मिलेगा।

कम बारिश वालें जिलों में क्लाउड़ सीड़िग से होगा फायदाः

उत्तर प्रदेश में हर वर्ष लाखों हेक्टेयर फसलें किसानों की बरसात न होने की वजह से सूख जाती है। जिससे किसानो की हजारों टन आनाज बर्षा के कारण सूख जाती थी। लेकिन यूपी के ऐसे कई जिलों में बारिश न होने के कारण सूखा पड़ जाता है। ऐसे में वहाँ के किसानों की फसलें सूख जाती थी। लेकिन अब कानपुर आई.आई.टी के शोंध से ऐसे सूखे जिलों में किसी भी समय किसी भी मौसम में बरसात करायी जा सकती है।

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क्लाउड़ सीड़िगः क्लाउड़ सीड़िग परीक्षण से यह उम्मीद जगी है कि जब जिन इलाकों में बारिश नही हो पाती है तो उस जगह पर इसके माध्यम से सूखे इलाको में बिना बादलों के बारिश करायी जायेगी। आई.आई.टी कानपुर एयरक्राफ्ट की मदद से ऊपर हवा में केमिकल पाउड़र फायर किया गया, जिसके बाद से बारिश देखने को मिला।
इस सफल परीक्षण के बाद कानपुर आई.आई.टी ने एक वीड़ियों भी साझा किया है। वीड़ियों में दिखाया गया है कि बारिश सपना नही ब्लकि हकीकत बन गई है। वायु प्रदूषण और ज्यादा सूखे की स्तिथि में क्लाउड़ सीड़िग से एयरक्राफ्ट की मदद से 5000 फुट की ऊचाँई पर घनों बादलों के बींच में केमिकल पाउड़र से फायर किया गया। जिसके बाद से बारिश होना शुरु हो गई थी।

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