मदमहेश्वर घाटी में फंसे श्रद्धालुओं का हेलीकॉप्टर की मदद से शुरू हुआ रेस्क्यू…

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Madmaheshwar Valley: मद्महेश्वर शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है, जो भारत के उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय के एक गांव गौंडार में स्थित है। आपको बता दें कि मदमहेश्वर घाटी में ग्राम गौंडार में बणतोली स्थान पर बीते दिन भारी बारिश से पुल बह गया था। जिससे स्थानीय लोग और यात्री फंस वही फस गए थे । जिससे कि उन लोगों को काफी मुशकिलों का सामना करना पड़ा। वहा फसे लोगों की सूचना प्रशाशन को दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें मार्ग पर फंसे लोगों को रेस्क्यू कर रही है। साथ ही रेस्क्यू में हेली सेवा की भी मदद ली जा रही है।

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मदमहेश्वर घाटी: जानें पूरा मामला..

आपको बता दें कि मदमहेश्वर घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण 13 अगस्त की रात मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाला बणतोली में बना पुल ध्वस्त हो गया। यहां मधु गंगा नदी में बना यह पुल धराशायी हो जाने के बाद 250 के करीब तीर्थयात्री यात्रा पड़ावों में फंस गए। इनमें एक प्रसव पीड़ित महिला भी शामिल थी। प्रशासन की ओर से पहले दिन रेस्क्यू को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन जब दूसरे दिन भी प्रशासन ने हाथ-पांव नहीं मारे तो तीर्थ यात्रियों ने स्थानीय जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारे लगाने शुरू किए। तीर्थयात्रियों ने कहा कि घाटी में राशन खत्म हो गया है और उनके सामने खाने-पीने का संकट बना हुआ है।

100-150 श्रद्धालु और पर्यटक फंसे

दरअसल, पुल तक पहुंचने वाले मार्ग का एक हिस्सा ध्वस्त होने से 100-150 श्रद्धालु और पर्यटक फंस गए। उन्होंने वीडियो जारी कर सरकार से जल्द रेस्क्यू करने की गुहार लगाई। उनका कहना था कि राशन खत्म होता जा रहा है। ऐसे में भूखों मरने की नौबत आ सकती है। इसलिए सरकार से अपील की जाती है कि घाटी में फंसे लोगों को जल्द निकालने का प्रयास करे। बता दें कि भीषण बारिश से मधु गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। नदी के पानी का रौद्र रूप देखकर लोग भयभीत हो गए थे। मोबाइल का नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा था।

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