Sarhasa संवाददाता : शिव कुमार
Sarhasa : कृषि कार्यालय परिसर में कृषि निदेशालय के निर्देश पर प्रमंडलीय स्तरीय उद्यान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बुधवार को आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार द्वारा किया गया। कृषि परिसर में प्रमंडल स्तरीय प्रदर्शनी में तीनों जिलों-सहरसा, मधेपुरा एवं सुपौल से कुल 700 कृषकों द्वारा विभिन्न तरह के कुल 12 वर्ग में 50 तरह के प्रदर्श को प्रदर्शित किया गया। विभिन्न तरह के उत्पादों के लिए कुल 15 खंड चिह्नित किए गए थे।
कृषकों के प्रादर्श का मूल्यांकन मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, अगवानपुर के कुल 5 वैज्ञानिकों के टीम द्वारा किया गया। मूल्यांकन पश्चात् कुल 35 कृषकों को प्रथम पुरस्कार, 30 कृषकों को द्वितीय पुरस्कार एवं 25 कृषकों को तृत्तीय पुरस्कार के लिए चुना गया। एक कृषक को विशिष्ट पुरस्कार के लिए चुना गया।
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आयुक्त ने कहा कि..
बिहार कृषि प्रधान राज्य है और अधिकांश आबादी अपनी जीविका के लिए कृषि पर आश्रित है। इसलिए कृषि के विकास से ही बिहार का विकास संभव है। सहरसा जिले में अधिकांश लघु एवं सीमान्त कृषक है। यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित भी है। ऐसी स्थिति में किसानों के उत्थान के लिए तथा फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। समय पर कई विपदा के कारण किसानों को लागत नहीं मिल पाती है। इसलिए कृषि में कई अन्य तरह की उपज की जरूरत है। कोसी में अधिक पानी के कारण मखाना की खेती उपयोगी है और बाजार में मूल्य भी सही मिलता है।