12वीं के बाद ‘बैचलर ऑफ लॉ’ की 3 साल में डिग्री देने से इनकार,SC में दायर याचिका CJI ने की खारिज

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
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Supreme Court on LLB Degree: सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें 12वीं करने के बाद बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री को 3 साल में पूरा करने के लिए कहा गया था.17 अप्रैल को वकील अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने मांग की थी कि,अभी बीए-एलएलबी का कोर्स 5 साल का होता है इस समय को 3 साल किया जाए,जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा 5 साल का भी समय कम है।

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याचिकाकर्ता ने वापस ली अपनी याचिका

याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में दायर याचिका में बताया कि,3 साल में 6 सेमेस्टर में भी 15-20 विषयों की पढ़ाई को पूरा किया जा सकता है इसलिए छात्रों के लिए 3 साल का समय पर्याप्त है.डिग्री को पूरा करने के लिए 5 साल का समय अनुचित है इसको कम करने के लिए 3 साल का किया जाना चाहिए।आपको यहां बता दें कि,12वीं करने के बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए 5 साल का डिग्री कोर्स है जिसको पूरा करने के बाद कोई वकील बन सकता है जबकि बैचलर करने के बाद कानून की पढ़ाई 3 साल की करनी पड़ती है.इसके संबंध में याचिकाकर्ता ने 12वीं के बाद 5 साल के डिग्री कोर्स को 3 साल का किए जाने की मांग सुप्रीमकोर्ट से की थी।

बताया आर्टिकल 14 और 21 का उल्लंघन

आपको बता दें कि,सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का फैसला कर लिया।सुप्रीमकोर्ट में वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका में बताया था,बैचलर ऑफ लॉ के लिए 5 साल यानि 10 सेमेस्टर की वर्तमान अवधि सही नहीं है इससे छात्रों को डिग्री पूरी करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी पड़ता है इसे कम करने की जरूरत है.याचिकाकर्ता ने मौजूदा व्यवस्था को आर्टिकल 14 और आर्टिकल 21 का उल्लंघन बताया था।

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