आयकर दरों में कटौती संभव, आम बजट में टैक्सपेयर्स को मिल सकती है बड़ी राहत

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit

Income tax: जुलाई के दूसरे आवधिक में घोषित होने वाले पूरक आम बजट (supplementary general budget) में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। नीति निर्माता मौजूदा आयकर (Income tax) ढांचे को युक्तिसंगत बनाने के लिए आयकर दरों में कटौती करने पर विचार कर रहे हैं। रायटर की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से आने वाले बजट में सरकार इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है। यह कदम देश में घटती खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा सकता है।

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कम आय वालों को मिल सकती है अधिक कर छूट

रायटर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस योजना के तहत कम आय वाले आयकरदाताओं (Income tax payers) को ज्यादा कर छूट दी जा सकती है। उम्मीद है कि भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की नवगठित सरकार द्वारा जुलाई के तीसरे सप्ताह तक वित्तीय वर्ष 2024-25 (Financial year 2024-25) के लिए पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार सरकार कम आय वालों के लिए आयकर की दरों में कटौती को अन्य लोकलुभावन योजनाओं और अत्यधिक कल्याणकारी व्यय पर प्राथमिकता दे सकती है। टैक्स में कटौती से लोगों के हाथ में ज्यादा रकम आएगी, जिससे खपत में वृद्धि होगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आने से खपत बढ़ेगी और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष कर राजस्व (direct and indirect tax revenue) में वृद्धि होगी। इसलिए भले ही आयकर दरों में कटौती से राजस्व में कमी हो, लेकिन इसका कुल प्रभाव सकारात्मक ही होगा।

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मौजूदा टैक्स स्लैब की समीक्षा

मिली जानकारी अनुसार मौजूदा टैक्स स्लैब (tax slab) की समीक्षा में यह सामने आया है कि मौजूदा टैक्स ढांचा युक्तिसंगत नहीं है। इसमें आय पर कर की वृद्धि बहुत ज्यादा है। नई कर प्रणाली में पांच प्रतिशत का पहला स्लैब तीन लाख रुपये की आय से शुरू हो जाता है। जब आय 15 लाख रुपये तक पहुंचती है, यानी पांच गुना बढ़ती है, तो टैक्स की दर पांच प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाती है यानी आयकर की दर में छह गुना वृद्धि होती है। यह वृद्धि दर काफी ज्यादा है।

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क्या है टैक्स स्लैब?

टैक्स स्लैब (tax slab) एक सीमा निर्धारित करता है, जिसके अनुसार किसी व्यक्ति या कंपनी की आय पर कितना कर लगाया जाएगा। स्लैब के अनुसार, आय के विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग कर दरें लागू होती हैं। मौजूदा टैक्स स्लैब में पांच प्रतिशत, दस प्रतिशत, पंद्रह प्रतिशत, बीस प्रतिशत और तीस प्रतिशत की दरें शामिल हैं।

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