RBI Policy : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक नई नीति की घोषणा की है, जिसके तहत वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों, विशेषकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए ‘fin.in’ डोमेन नाम की शुरुआत की जाएगी। यह कदम बढ़ते साइबर खतरों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए उठाया गया है, ताकि वित्तीय सेवाओं से जुड़े संस्थान डिजिटल दुनिया में अधिक सुरक्षित तरीके से कार्य कर सकें।
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साइबर सुरक्षा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह कदम डिजिटल इकोसिस्टम में सुधार और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। आरबीआई का कहना है कि इस नए डोमेन से फिनटेक कंपनियों, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय सेवा प्रदाताओं को साइबर सुरक्षा की एक नई परत मिलेगी, जो उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर हमलों से बचाने में मदद करेगी। साथ ही, इससे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्तीय सेवाओं की सुरक्षा और इंटीग्रेशन में सुधार होगा।
‘fin.in’ डोमेन का उद्देश्य

आरबीआई के अनुसार, ‘fin.in’ डोमेन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल वित्तीय सेवाओं की सुरक्षा बढ़ाना है। यह डोमेन वित्तीय संस्थानों को विशिष्ट पहचान देने के साथ-साथ उनके ऑनलाइन लेन-देन को अधिक सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। इसके अलावा, इस डोमेन का इस्तेमाल करने से कंपनियां अपने ब्रांड की विश्वसनीयता भी बढ़ा सकेंगी, क्योंकि यह ग्राहकों को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि वे एक अधिकृत और सुरक्षित वित्तीय सेवा प्रदाता से जुड़ रहे हैं।
साइबर खतरे और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव

भारत में साइबर अपराधों और ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है, खासकर वित्तीय क्षेत्र में। एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय है। ‘fin.in’ डोमेन की शुरुआत से यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह संस्थानों को साइबर हमलों और सुरक्षा उल्लंघनों से बचाने में सहायक सिद्ध होगा। इसके माध्यम से न केवल संस्थाओं की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को भी एक सुरक्षित और विश्वसनीय वातावरण मिलेगा।
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नवीनतम तकनीकी समाधान की दिशा में एक और कदम

इस कदम के जरिए आरबीआई ने यह भी सुनिश्चित किया है कि वित्तीय क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को नवीनतम तकनीकी समाधान से लैस किया जाए, जो उन्हें डिजिटल खतरों से बचाए और उनके ग्राहकों को भी सुरक्षित रखे। यह पहल उन कंपनियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी, जो डिजिटल वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और जिनका कारोबार पूरी तरह से इंटरनेट और अन्य डिजिटल माध्यमों पर निर्भर है