RBI MPC Meeting: हाल ही में सरकार ने जीडीपी (GDP) के आंकड़े जारी किए, जिनके अनुसार चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि, इसके बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की इस सप्ताह होने वाली बैठक में रेपो रेट में कमी की संभावना न के बराबर है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक मौजूदा रेपो दर को बरकरार रख सकता है।
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बीते साल से स्थिर रही है रेपो रेट
यह स्थिति फरवरी 2023 की है, जब रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उसके बाद से अब तक एमपीसी की 10 बैठकों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है और रेपो रेट वही 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहा है। ऐसा लगता है कि रिजर्व बैंक ने आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए मौजूदा दर को बनाए रखने का निर्णय लिया है।
एमपीसी बैठक में कटौती की संभावना कम
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की अगली बैठक 4 दिसंबर से शुरू होगी और यह 6 दिसंबर 2024 तक चलेगी। इस बैठक के दौरान लिए गए फैसलों की जानकारी 6 दिसंबर को दी जाएगी। जब तक खुदरा महंगाई के आंकड़े सार्वजनिक नहीं हुए थे, तब तक विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि इस बार एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को घटाया जा सकता है। हालांकि, जब महंगाई दर 6 प्रतिशत से ऊपर हो गई, तो विशेषज्ञों का नजरिया बदल गया और अब यह माना जा रहा है कि रेपो रेट में कटौती का कोई तगड़ा आधार नहीं है।
रिजर्व बैंक के फैसले में बदलाव की संभावना
29 नवंबर 2024 को जारी हुए नवीनतम जीडीपी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में विकास दर 5.4 प्रतिशत रही, जो पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत थी। इस धीमी वृद्धि को देखते हुए रिजर्व बैंक अपने आर्थिक अनुमान को भी मौजूदा 7.2 प्रतिशत से घटा सकता है। ऐसे में संभावना है कि रिजर्व बैंक इस आर्थिक बदलाव को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति में कोई बड़े बदलाव की बजाय वर्तमान दरों को बनाए रखे।
पिछली बैठक में भी कोई बदलाव नहीं था
रिजर्व बैंक के एमपीसी की पिछली बैठक 9 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। उस बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया था कि रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी। यह लगातार 10वीं समीक्षा बैठक थी, जिसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। सम्भावना जताई जा रही है कि मौजूदा आर्थिक हालात और महंगाई दर को देखते हुए रिजर्व बैंक आगामी बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। ऐसे में निवेशकों और आम नागरिकों को फिलहाल रेपो रेट में कटौती का इंतजार लंबा हो सकता है।