भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कमी करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक मिलकर महंगाई और विकास दर पर काम करेंगे। उनका यह बयान इस महत्वपूर्ण समय में आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है, और केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि इससे आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार और RBI दोनों मिलकर ऐसी नीतियाँ अपनाएंगे जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करें और महंगाई को काबू में लाएं।
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रेपो रेट में कटौती का असर

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। यह कटौती 2023 में तीसरी बार की गई है और अब रेपो रेट 6.25 प्रतिशत से घटकर 6.00 प्रतिशत हो गया है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज की दरों पर पड़ता है, जिससे आम नागरिकों और कारोबारियों को सस्ता कर्ज मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि, यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक होगा। उनका मानना है कि यह नीति विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्योगों को राहत देगी, क्योंकि यह उन्हें सस्ता कर्ज उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, यह कदम महंगाई पर भी नियंत्रण पाने में मदद करेगा, जिससे आम जनता को राहत मिल सकती है।
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महंगाई और विकास दर पर ध्यान केंद्रित
वित्त मंत्री ने अपने बयान में कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक दोनों का उद्देश्य महंगाई दर को काबू में रखना और विकास दर को बढ़ावा देना है। पिछले कुछ महीनों में महंगाई की दर उच्चतम स्तर पर रही है, और इसे काबू में लाना सरकार की प्राथमिकता है। रिजर्व बैंक ने भी इस बारे में कई बार चिंता व्यक्त की थी, और अब उनकी यह नीति सुधारात्मक दिशा में एक कदम है।वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि, सरकार आर्थिक सुधारों के माध्यम से विकास दर को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना था कि सरकार की नीतियाँ न केवल महंगाई को नियंत्रित करने के लिए, बल्कि रोजगार सृजन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी डिज़ाइन की गई हैं।
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आर्थिक सुधार और भविष्य की योजना

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने पहले ही कई महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जैसे टैक्स सुधार, व्यापार में सुगमता, और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को बढ़ावा देना। इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न सेक्टरों में विशेष योजनाओं की घोषणा की है, जो दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए हैं।वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि, सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल और संवाद के कारण ही भारतीय अर्थव्यवस्था को अब वैश्विक चुनौतियों के बावजूद स्थिरता मिल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगे आने वाले समय में भारत एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।