Raus IAS Coaching: ‘बहुत मेहरबानी है कि आपने पानी का चालान नहीं काटा’ HC ने MCD और दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और MCD को लगाई फटकार
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और MCD को लगाई फटकार

Raus IAS Coaching: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस अकादमी (Raus IAS Coaching) की बेसमेंट में डूबकर तीन छात्रों की मौत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने आज दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और एमसीडी (MCD) को जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है? कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या सीवर और अन्य जिम्मेदार लोगों की पहचान की गई है? कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि सड़क पर चल रहे व्यक्ति को क्यों गिरफ्तार किया गया था और कहा कि पुलिस को माफी मांगनी चाहिए. कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा कि यह बहुत मेहरबानी की बात है कि आपने नाले के पानी का चालान नहीं काटा, जैसे आपने गाड़ी के ड्राइवर को पकड़ लिया.

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हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

इसी कड़ी में आगे हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि पुलिस की प्रतिष्ठा तब होती है जब वह अपराधी को पकड़े और निर्दोष पर किसी तरह की कार्रवाई न करें. अगर आप निर्दोष को पकड़कर दोषियों को छोड़ने लगेंगे तो यह बहुत ही खराब स्थिति होगी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि मीडिया के कारण इस तरह का इंप्रेशन बना है और हम माफी मांगते हैं. कोर्ट ने कहा कि आप किसी भी दबाव में न आएं और केवल सच बताएं. हमें सभी दबावों का सामना करना होता है और जांच साइंटिफिक तरीके से होनी चाहिए.

एमसीडी के वकील ने क्या कहा ?

कोर्ट में एमसीडी (MCD) के वकील ने कहा कि राव इंस्टीट्यूट (Raus IAS Coaching) के मामले में दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर रही है, इसलिए उसे छोड़कर हम बाकी पर कार्रवाई कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने एमसीडी से कहा कि हम आदेश पास करते रहते हैं, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जाता. कोर्ट ने कहा कि आपके विभाग में कानून का सम्मान नहीं है और यह नहीं हो सकता कि आप कानून से ऊपर हैं. अदालत ने एमसीडी से पूछा कि अब तक स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है और क्यों वे अभी भी अपनी नौकरी पर बने हुए हैं.

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अदालत का एमसीडी से सवाल

अदालत का एमसीडी से सवाल

एमसीडी (MCD) के वकील ने कहा कि राव इंस्टीट्यूट (Raus IAS Coaching) के मामले में दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर रही है, इसलिए उसे छोड़कर हम बाकी पर कार्रवाई कर रहे हैं. हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एमसीडी से कहा कि हम आदेश पास करते रहते हैं, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जाता. कोर्ट ने कहा कि आपके विभाग में कानून का सम्मान नहीं है और यह नहीं हो सकता कि आप कानून से ऊपर हैं. अदालत ने एमसीडी से पूछा कि अब तक स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है और क्यों वे अभी भी अपनी नौकरी पर बने हुए हैं।

बिल्डिंग प्लान और अधिकारियों पर सवाल

कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा कि जिस अधिकारी ने बिल्डिंग प्लान को मंजूरी दी थी, उससे अब तक पूछताछ की गई है या नहीं. जांच अधिकारी ने जवाब दिया कि हमने उसके बारे में पूछा है. हाईकोर्ट ने कहा, किससे पूछा है? क्या आपके पास कोई पावर नहीं है? क्या आप सामान्य नागरिक हैं? क्या आपको कानून की समझ नहीं है? क्या आपको नहीं पता कि कैसे फाइलें जब्त की जाती हैं? क्या आपको लगता है कि अपराधी आपके पास आएगा और खुद फाइल देगा?

पुलिस की कार्रवाई पर कोर्ट की सख्ती

हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि अब तक कितने एमसीडी (MCD) अधिकारियों से पूछताछ की गई है? पुलिस ने कोर्ट के सख्त रुख के बाद कहा कि हमें समय दीजिए, हम जवाब देंगे. हाईकोर्ट ने इसपर कहा कि आपने अभी तक फाइल भी जब्त नहीं की है. आपको तो पहले ही दिन जाकर सारी फाइलें जब्त कर लेनी चाहिए थी. यह लापरवाही भी है और अपराध भी.

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दिल्ली सरकार पर भी फटकार

दिल्ली सरकार को भी हाईकोर्ट ने आड़े हाथों लिया. सरकार से पूछा गया कि पिछली कैबिनेट की बैठक कब हुई थी और अगली कब है? पिछले 6 महीने से कैबिनेट की बैठक नहीं हुई है. कोई प्रोजेक्ट मंजूर नहीं हो रहा है. बेंच ने कहा कि कल्पना कीजिए कि हम किस प्रशासनिक अराजकता से निपट रहे हैं.

एमसीडी की सीलिंग प्रक्रिया पर सवाल

एमसीडी की सीलिंग प्रक्रिया पर सवाल

हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एमसीडी (MCD) की सीलिंग प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि आज कोई बिल्डिंग सील होती है तो उसका साइज अपने आप बढ़ जाता है, 2 फ्लोर से 5 फ्लोर की हो जाती है. आपकी सीलिंग प्रक्रिया ऐसी है कि आप कुछ सील करते हैं, धागा बांधकर कहते हैं कि यह सील हो गया, जबकि कोई भी अंदर जाकर अवैध निर्माण चालू रखता है. दिल्ली में लगातार अवैध निर्माण बढ़ता जा रहा है. हम अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए कहते हैं, तो आप दिखाने के लिए उसकी छत पर छेद कर देते हैं.

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