Rath Yatra 2025 : रथ यात्रा, भीड़, भव्यता, और भी बहुत कुछ…! साथ ही घोर अव्यवस्था। जिसके कारण जगन्नाथ देव अपनी मौसी के घर समय पर नहीं पहुंच पाए। सरकार का कहना है कि सभी रीति-रिवाजों का पालन किया गया। जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के रथ यात्रा के लिए समय पर निकले, लेकिन समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे। स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि इस अव्यवस्था का कारण क्या है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा पर उंगली उठा रहे हैं। भाजपा का कहना है कि अप्रत्याशित भीड़ इसका कारण है।
नवीन पटनायक ने अव्यवस्था पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने कहा, “हम किसी को दोष नहीं देना चाहते। लेकिन कल की घटना पर चिंता और आक्रोश व्यक्त करने से कोई रास्ता नहीं है। राज्य के सबसे पवित्र त्योहार पर यह अव्यवस्था स्वीकार नहीं की जा सकती। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले साल पहंडी के दौरान बलराम की मूर्ति गिरने से कैसे हादसा हुआ था।” पटनायक ने आरोप लगाया, “इस अव्यवस्था से जगन्नाथ देव के लाखों भक्त आहत हुए हैं।” साथ ही उन्होंने प्रार्थना की, “जिनके लिए यह समस्या है, भगवान उन्हें माफ करें। मुझे उम्मीद है कि सरकार में बैठे लोग आत्म-आलोचना करेंगे और सावधान रहेंगे।”
कांग्रेस ने भाजपा पर कसा तंज
कांग्रेस तो और भी ज्यादा संशय में है। ओडिशा कांग्रेस के नेता भक्त चरण दास कहते हैं कि जो कुछ भी हुआ है, वह प्रशासनिक कुव्यवस्था के कारण हुआ है। जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, श्रीक्षेत्र की परंपरा में कुव्यवस्था चल रही है। कांग्रेस नेता ने पूछा, “मैंने सुना है कि एक वीवीआईपी पुरी आ रहे हैं। क्या पूरा पुलिस प्रशासन वहीं पड़ा है?” संयोग से उद्योगपति गौतम अडानी शनिवार को अपने परिवार के साथ रथ यात्रा में शामिल हुए। हालांकि सरकार पूरे मामले के लिए भीड़ को जिम्मेदार ठहरा रही है। रिकॉर्ड के मुताबिक, शुक्रवार को करीब 13 लाख लोग पुरी आए थे।
कानून मंत्री ने किया बड़ा दावा
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने दावा किया, “अच्छे मौसम की वजह से इस साल अन्य वर्षों की तुलना में डेढ़ गुना अधिक लोग पुरी आए हैं। इसलिए भीड़ को नियंत्रित करना आसान नहीं रहा है।” पुलिस प्रशासन का कहना है कि कई लोग रथ के पास बने घेरे में घुस गए थे। इस वजह से रथ स्वतंत्र रूप से आगे नहीं बढ़ सका। यात्रा में बार-बार बाधा उत्पन्न हुई। सेवा कर्मियों और सुरक्षा गार्डों के बीच समन्वय बाधित हुआ। कारण जो भी हो, रथ का बीच रास्ते में फंस जाना यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार बैकफुट पर है।
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