Ratan Tata: इस महानायक का Lucknow से रहा गहरा जुड़ाव, कई बार आये अदब के शहर में.. हमेशा एक ही होटल में ठहरे

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
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Ratan Tata: देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का नाम न केवल भारतीय उद्योग जगत में शीर्ष पर आता है, बल्कि उन्होंने विश्व भर में भारत का नाम ऊँचा किया। उनके मानवीय दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई। रतन टाटा का उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से लखनऊ (Lucknow) से एक गहरा संबंध था। लखनऊ के प्रति उनके विशेष लगाव ने शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रतन टाटा के निधन से न केवल भारत ने एक उद्योगपति खोया है, बल्कि वह एक ऐसे परोपकारी व्यक्ति भी थे जिन्होंने देश के औद्योगिक विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया।

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लखनऊ के प्रति रतन टाटा का रहा विशेष लगाव

रतन टाटा ने अपने कई साक्षात्कारों और सार्वजनिक बयानों में लखनऊ के प्रति अपनी आत्मीयता को साझा किया। उन्होंने कहा था कि लखनऊ आना उन्हें बेहद पसंद है। टाटा टेल्को के उद्घाटन से लेकर उनके कई व्यावसायिक दौरे लखनऊ के लिए ही रहे। हर बार जब वह लखनऊ आते, तो ताज होटल (Taj Hotel) में ठहरते थे। ताज होटल के कर्मचारियों के अनुसार, रतन टाटा बेहद विनम्र और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे। ताज होटल के मैनेजर ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ इत्मिनान से काफी पीते थे और स्टाफ से दिल खोलकर बातचीत करते थे। उन्होंने कभी भी अपनी बड़ी शख्सियत का दिखावा नहीं किया और सबके साथ समान रूप से मिलते-जुलते थे।

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उत्तर प्रदेश के विकास में रतन टाटा की महत्वपूर्ण भूमिका

रतन टाटा ने न केवल लखनऊ बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास में अपनी भूमिका निभाई। टाटा समूह (Tata Group) द्वारा लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में स्थापित फैक्ट्री, रतन टाटा की दूरदृष्टि का परिणाम थी। 850 एकड़ में फैला यह संयंत्र 90 के दशक में शुरू हुआ और यह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। इस संयंत्र ने न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाए, बल्कि क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया।

रतन टाटा का लखनऊ आना-जाना नियमित रूप से होता था, और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने यूपी में कई अहम परियोजनाएं शुरू कीं। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान, यूपी सरकार और टाटा ट्रस्ट के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें रतन टाटा की भूमिका अहम रही। उस दौरान रतन टाटा ने कहा था, “उत्तर प्रदेश ने मेरा दिल जीत लिया है, खासकर यूपी के मुख्यमंत्री ने।”

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रतन टाटा की सादगी सभी थे कायल

इतने बड़े उद्योगपति होते हुए भी, रतन टाटा की सादगी और विनम्रता ने उन्हें सभी का प्रिय बना दिया था। ताज होटल के स्टाफ से लेकर लखनऊ के आम लोगों तक, सभी उनकी सादगी के कायल थे। वह अपने कमरे में सभी काम खुद ही करते थे, और कभी भी अपने व्यक्तित्व का रौब नहीं दिखाते थे। उनकी यह खासियत उन्हें आम जनता के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाती थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

रतन टाटा के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “भारत के प्रख्यात उद्योगपति और ‘पद्म विभूषण’ रतन टाटा जी का निधन अत्यंत दुखद है। वह भारतीय उद्योग जगत के महानायक थे।” मुख्यमंत्री ने रतन टाटा की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई।

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एक प्रेरक व्यक्तित्व की हुई विदाई

रतन टाटा के निधन से देश ने न केवल एक महान उद्योगपति खोया है, बल्कि एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया है, जिन्होंने अपने कार्यों और सिद्धांतों से देश और समाज को प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल व्यावसायिक क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए, बल्कि सामाजिक और परोपकारी कार्यों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। रतन टाटा का लखनऊ से जो गहरा नाता था, वह सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके दिल में इस शहर के लिए विशेष स्थान था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया और लोगों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना ली।

हमेशा रहेंगे दिलों में जीवित

रतन टाटा जैसे व्यक्तित्व विरले ही होते हैं। उन्होंने न केवल भारतीय उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अपनी सादगी और मानवता से सभी का दिल जीत लिया। लखनऊ और उत्तर प्रदेश के प्रति उनका लगाव और योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके जाने से देश में एक युग का अंत हुआ है, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्यों और सिद्धांतों की प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।

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