Rakshabandhan 2024: रक्षाबंधन पर स्वदेशी राखियों का जलवा, बाजार में 12 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
rakhi

Rakshabandhan 2024: 19 अगस्त को भाई-बहनों के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। व्यापारियों का अनुमान है कि इस एक दिन के त्योहार में बाजार में लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हो सकता है। पिछले साल राखी पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जिससे यह स्पष्ट है कि इस साल व्यापार में वृद्धि होगी।

Read more: Rahul Gandhi’s Indian citizenship: राहुल गांधी की नागरिकता विवाद पर भाजपा का चौतरफा हमला

स्वदेशी राखियों की मांग

रक्षाबंधन के साथ ही त्योहारों का मौसम भी शुरू हो जाएगा। इसके बाद कृष्णजन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, और दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा। व्यापारियों का मानना है कि इस दौरान लोग जमकर खरीदारी करेंगे, जिससे बाजार में रौनक लौटेगी और सभी को लाभ होगा। व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बताया कि इस वर्ष राखी के त्योहार पर देशभर में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है। बाजारों में राखी की खरीददारी की जबरदस्त भीड़ है और लोगों में त्योहार के प्रति बहुत उत्साह है। पिछले कई वर्षों से देश में स्वदेशी राखियों की अधिक मांग रही है और इस वर्ष भी चीनी राखियों की न तो बहुत मांग थी और न ही वे बाजार में दिखाई दीं।

विशेष प्रकार की राखियां बाजार में उपलब्ध

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि इस वर्ष विभिन्न प्रकार की विशेष राखियां बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें नागपुर में बनी खादी राखी, जयपुर में सांगानेरी कला राखी, पुणे में बीज राखी, मध्यप्रदेश के सतना में ऊनी राखी, आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस की राखी, असम में चाय पत्ती राखी, कोलकाता में जूट राखी, मुंबई में रेशम राखी, केरल में खजूर राखी, कानपुर में मोती राखी, बिहार में मधुबनी और मैथिली कला राखी, पांडिचेरी में सॉफ्ट पत्थर की राखी, बेंगलुरु में फूल राखी आदि शामिल हैं। इसके अलावा, देश का गर्व प्रदर्शित करने वाली तिरंगा राखी, वसुधैव कुटुंबकम राखी, और भारत माता की राखी भी बाजार में बहुत अधिक मांग में हैं। डिज़ाइनर राखियों और चाँदी की राखियों का भी बाजार में खासा क्रेज है।

Read more: Kolkata Rape Case: अवैध मानव अंग तस्करी का पर्दाफाश रोकने की चुकानी पड़ी कीमत, CBI जांच में हुए और भी सनसनीखेज खुलासे

शुभ मुहूर्त पर मनाया जाएगा रक्षाबंधन

कैट की वैदिक कमेटी के अध्यक्ष आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि 19 अगस्त को दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा काल है, जिसमें कोई भी मंगल कार्य निषेध है। इसलिए देशभर में रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार दोपहर 1:31 बजे से ही मनाया जाएगा। कैट ने इस संबंध में सभी व्यापारी संगठनों को एडवाइजरी भेजी है और कहा है कि सभी व्यापारी शुभ समय में ही रक्षाबंधन का पर्व मनाएं। स्वदेशी राखियों की मांग पिछले कुछ वर्षों से बढ़ी है और इस साल भी यह ट्रेंड जारी है। नागपुर में बनी खादी राखी से लेकर असम में बनी चाय पत्ती राखी तक, हर प्रकार की राखी ने बाजार में अपनी जगह बना ली है। चीनी राखियों की मांग में कमी आना स्वदेशी उद्योगों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

Read more: Bulandshahr में दर्दनाक सड़क हादसा! रक्षाबंधन पर घर लौट रहे मजदूरों की पिकअप को बस ने मारी टक्कर, 10 की मौत

बाजार में उत्साह और व्यापार की बढ़ोतरी

रक्षाबंधन के अवसर पर बाजार में खरीदारी का उत्साह चरम पर है। व्यापारियों का मानना है कि इस वर्ष 12 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। यह न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। त्योहारों का यह मौसम आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकता है और बाजार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। रक्षाबंधन का त्योहार इस बार न केवल भाई-बहनों के रिश्ते को मजबूत करेगा, बल्कि बाजार में भी नई ऊर्जा का संचार करेगा। व्यापारियों को उम्मीद है कि इस वर्ष का त्योहार सभी के लिए लाभकारी साबित होगा और बाजार में एक नई रौनक लाएगा।

Read more: Kolkata Rape Case बाद नंदीग्राम में BJP बूथ प्रेसिडेंट ने एक महिला को सड़क पर नग्न अवस्था में घसीटा, फिर दौड़ा-दौड़कर पीटा

Share This Article
Exit mobile version