Rajya Sabha: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को खारिज कर दिया।यह नोटिस राज्यसभा में सभापति को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश द्वारा दिया गया था,जिसमें अमित शाह के ऊपर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाने का आरोप लगाया गया था।गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान को प्रमाणित करने के लिए 1948 की सरकारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया था।उन्होंने कहा था कि,कांग्रेस के एक नेता प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) के प्रबंधन का हिस्सा थे।
गृह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को सभापति ने किया खारिज

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश द्वारा गृह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नोटिस खारिज करते हुए कहा,मैंने इसे ध्यानपूर्वक पढ़ा है और इसमें कोई उल्लंघन नहीं पाया गया।केंद्रीय मंत्री ने 24 जनवरी 1948 को भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी प्रेस बयान का हवाला दिया था,जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) शुरू करने की घोषणा की थी। इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की एक समिति को दी गई थी।
कांग्रेस सांसद की ओर से नियम 188 के तहत दिया गया नोटिस

आपको बता दें कि,मंगलवार को आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि,कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष (PMNRF) बनाया गया था,जबकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पीएम केयर्स फंड शुरू किया गया।उन्होंने यह भी कहा,कांग्रेस के शासनकाल में इस फंड पर केवल एक परिवार का नियंत्रण था।कांग्रेस सांसद की ओर से राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्यसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया था।
सोनिया गांधी की छवि को धूमिल करने का आरोप
कांग्रेस सांसद ने नोटिस में कहा कि,भले गृह मंत्री ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष के कामकाज को लेकर आरोप लगाया कांग्रेस सांसद ने कहा,केंद्रीय मंत्री ने सोनिया गांधी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया।