Rajnath Singh: संसद में सोमवार को हुई बहुप्रतीक्षित चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सैन्य अभियान किसी तीसरे पक्ष के दबाव में नहीं, बल्कि पाकिस्तान की ओर से आए अनुरोध के आधार पर रोका गया। राजनाथ ने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में कभी पीछे नहीं हटेगा।
” भारतीय सेना की निर्णायक जवाबी कार्रवाई थी”
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहलगांव आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारा। उन्होंने बताया कि यह पूरा ऑपरेशन महज 22 मिनट में पूरा कर लिया गया और आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया घबराहट में थी और उन्होंने भारत पर मिसाइलें दागीं। लेकिन भारत ने जवाबी कार्रवाई में उनकी वायु रक्षा प्रणाली को खत्म कर दिया।
भारत की रक्षा प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित रही: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की रक्षा प्रणाली को कोई नुकसान नहीं हुआ। “हमारी सेना ने अनुशासन और कौशल से यह कार्रवाई की। आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति स्पष्ट है—जो भी देश हमारे नागरिकों की जान लेगा, उसे माकूल जवाब दिया जाएगा,” उन्होंने संसद में कहा।
ट्रंप की मध्यस्थता का अप्रत्यक्ष जिक्र, सख्त इनकार
राजनाथ सिंह ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना उनकी मध्यस्थता की इच्छा को भी सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर को किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं रोका गया। न ही किसी ने भारत पर कार्रवाई रोकने का दबाव डाला। ये फैसला भारत की सैन्य सफलता और पाकिस्तान की हार की स्वीकृति के बाद लिया गया।”
पाकिस्तान ने खुद किया था युद्धविराम का आग्रह
राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि 10 मई की रात को पाकिस्तान ने एकतरफा हमला किया, लेकिन भारत की प्रतिक्रिया निर्णायक और प्रभावी रही। इसके बाद, 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच वार्ता हुई, जिसमें पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम का प्रस्ताव रखा गया। भारत ने इस प्रस्ताव को मानते हुए युद्ध को रोकने का निर्णय लिया।
आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर इस नीति का उदाहरण है, जिसमें आतंकवादी ढांचे को जड़ से उखाड़ दिया गया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह समय सेना के शौर्य की सराहना करने का है, न कि राजनीतिक प्रश्न उठाने का।
राजनाथ सिंह का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि भारत अब आतंकी हमलों के जवाब में निर्णायक और सटीक कार्रवाई करेगा। ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ सैन्य दृष्टि से एक बड़ी सफलता रही, बल्कि उसने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की नीति और आत्मनिर्भरता को मजबूत तरीके से प्रस्तुत किया है।
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