Rajnath Singh : नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने धर्म के आधार पर नागरिकता देकर संविधान को कलंकित करने का आरोप लगाया था। इस बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी खेमे पर निशाना साधा। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने विपक्ष पर पाखंड करने का आरोप लगाया और कहा कि वे अब अल्पसंख्यकों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। हालांकि, जब CAA लागू हुआ था, तब उन्होंने इसका विरोध किया था।
हिंदुओं पर अत्याचार
पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना के पतन के बाद से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं। सौ से अधिक हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया है। हिंदू महिलाएं बलात्कार और यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। इस मुद्दे पर केंद्र को कई बार संसद में विपक्ष के सवालों का सामना करना पड़ा है। इस बार राजनाथ ने बांग्लादेश का मुद्दा उठाते हुए सीएए पर कहा, “पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों को देखकर हमारी सरकार सीएए लेकर आई। जो राजनीतिक दल दिन-रात अल्पसंख्यकों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाते थे, उन्होंने ही इसका सबसे ज्यादा विरोध किया।”
समाज के लिए कलंक से कम नहीं
बांग्लादेश को लेकर राजनाथ ने कहा, “बांग्लादेश में हालात बदतर होते जा रहे हैं। हिंदू समुदाय के साथ जो हो रहा है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए कलंक से कम नहीं है।” पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में रक्षा मंत्री की आवाज में ये टिप्पणियां सुनने को मिलीं। संयोग से केंद्र की मोदी सरकार 2019 में संशोधित नागरिकता कानून लेकर आई थी। इसका मकसद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना था। हालांकि, कोरोना के कारण करीब 4 साल तक इसे लागू नहीं किया जा सका। आखिरकार पिछले साल लोकसभा चुनाव के बीच गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को गजट नोटिफिकेशन के जरिए सीएए को लॉन्च कर दिया।
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