Rajasthan Politics: वसुंधरा राजे का बड़ा बयान, कहा- “चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा जमीं पर रखो”

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Vasundhara Raje

Vasundhara Raje News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर इशारों-इशारों में हमला किया है, जिसके बाद राजस्थान भाजपा में अंदरूनी मतभेदों की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। मंगलवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में सिक्किम के नवनियुक्त राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर के नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम के दौरान वसुंधरा राजे ने बिना नाम लिए हुए अपने कटाक्ष में कहा कि “कुछ लोग पीतल की लौंग मिलने पर खुद को सर्राफ समझने लगते हैं। चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा जमीं पर रखो।” इस बयान ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की अटकलों को बल दिया है।

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वसुंधरा राजे की बयानबाजी

वसुंधरा राजे का यह बयान, जिसमें उन्होंने पीतल की लौंग मिलने पर सर्राफ बनने की बात की, स्पष्ट तौर पर राजस्थान भाजपा के आंतरिक विवादों की ओर इशारा करता है। राजे ने यह भी कहा कि लोगों को अपने पैरों को धरती पर रखना चाहिए, भले ही उनकी चाहत आसमां छूने की हो। यह बयान उनकी राजनीतिक टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है, जिसे उनके विरोधियों के खिलाफ एक कटाक्ष के रूप में माना जा रहा है।

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राजनीतिक माहौल में आयी खटास

वसुंधरा राजे की सक्रियता हाल के दिनों में बढ़ी है। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ कई बैठकें की हैं और हाल ही में निर्दलीय विधायकों की बैठक आयोजित की थी। इस बैठक के पीछे वसुंधरा राजे के प्रभाव को माना जा रहा है। इसके अलावा, उनके समर्थक विधायकों को मंत्री न बनाए जाने को लेकर असंतोष भी जताया जा रहा है। एक विधायक को मंत्री तो बनाया गया, लेकिन अहम विभाग नहीं मिला, जिससे पार्टी हाईकमान पर वसुंधरा राजे को किनारे करने का आरोप लगाया जा रहा है। यह स्थिति वसुंधरा राजे को पार्टी नेतृत्व को ताकत दिखाने का एक अवसर प्रदान कर रही है।

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भजनलाल शर्मा ने साधी चुप्पी

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वसुंधरा राजे के बयान पर कोई प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने केवल ओमप्रकाश माथुर के साथ बिताए गए यादगार पलों को साझा किया और माथुर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि माथुर अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करते हुए जनसेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ. प्रेमचंद बैरवा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी भी मौजूद थे। उनके मौन और प्रतिक्रियाहीन स्थिति ने राजनीतिक हलकों में इस पूरे मुद्दे को और भी जटिल बना दिया है।

वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच बढ़ते मतभेदों के संकेत राजस्थान भाजपा के अंदरूनी राजनीति को उजागर करते हैं। राजे का हालिया बयान और उनकी सक्रियता इस बात की ओर इशारा करती है कि पार्टी के भीतर खींचतान जारी है और इसे लेकर भविष्य में और भी अधिक सियासी उठापटक देखने को मिल सकती है।

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