Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले से मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिले में बहने वाली बनास नदी में पिकनिक मनाने आए 11 युवकों में से 8 की डूबने से मौत हो गई। घटना की पुष्टि टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने की है। उन्होंने बताया कि हादसे के समय सभी युवक नदी में नहा रहे थे, तभी वे गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे।
तीन की बची जान, हालत स्थिर
एसपी सांगवान के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन और बचाव दल की मदद से सभी 11 युवकों को नदी से बाहर निकाला गया और तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने आठ को मृत घोषित कर दिया, जबकि तीन की हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने यह भी बताया कि मृतक जयपुर के निवासी थे और टोंक जिले में पिकनिक मनाने के उद्देश्य से आए थे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे गहरे पानी में कैसे चले गए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया दुख
इस दर्दनाक घटना पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मृतकों के प्रति संवेदना जाहिर की और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। साथ ही, अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राहत और बचाव कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें और घटना की पूरी जांच करें।
भरतपुर में दर्दनाक हादसा
राजस्थान में हादसों की कड़ी में एक और त्रासदी दो दिन पहले भरतपुर जिले में घटी, जहां एक सरकारी डॉक्टर की कार में जलकर मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर की कार अचानक अनियंत्रित हो गई और एक डायग्नोस्टिक सेंटर (दुकान) से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार दुकान में फंस गई और दरवाजा नहीं खुल पाया।
दुर्घटना के बाद कार से धुआं निकलने लगा और आग लग गई। कार के भीतर फंसे डॉक्टर को बाहर निकालने में समय लग गया और तब तक आग ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस दर्दनाक हादसे में डॉक्टर की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
राज्य में बढ़ती दुर्घटनाएं बनी चिंता का विषय
टोंक और भरतपुर की ये दोनों घटनाएं राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और जनजागरूकता की कमी की ओर इशारा करती हैं। जहां एक ओर जलस्रोतों में नहाने के दौरान सुरक्षा उपायों की सख्त जरूरत है, वहीं सड़क सुरक्षा और वाहन चेकिंग की भी अनदेखी नहीं की जा सकती। राज्य सरकार के लिए यह समय है कि वह ऐसी घटनाओं से सबक लेकर ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।