पेपर लीक मामलें पर राजस्थान सरकार पेश करेगी आजीवन कारावास विधेयक

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
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Paper Leak: मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर मे कहा कि राजस्थान सरकार सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं मे नकल विहीन बनाने के उद्देश्य से पेपर लीक के मामलों मे सजा को मौजूदा 10 साल से बढ़ाकर आजीवन उम्रकैद तक के लिए अगले विधानसभा सत्र में एक विधेयक लायेगी। इस विधेयक के तहत पेपर लीक मामलें में दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान होगा। अभी तक इस मामलें में 10 साल तक की सजा का प्रावधान था।

पेपर लीक पर विपक्ष उठा रही थी मुद्दाः

राजस्थान की सरकारी नौकरियां राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी), कार्मिक विभाग (डीपीओ), राजस्थान चयन बोर्ड (आरएसएसबी), और अन्य हितकारकों के साथ बैठक कर चर्चा करके राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में आर्थिक और निष्पक्ष पारदर्शिता लाने के लिए एक बेहतर प्रक्रिया तैयार करने का भी निर्देश दिया। राजस्थान की सरकारी नौकरियों मे हो रहे पेपर लीक के मामले बढ़ते जा रहे थे। वहीं विपक्षी दल भाजपा राज्य में पेपर लीक का मुद्दा लठाती रही है। भाजपा ने आरईईटी पेपर लीक मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की है, जिसकी जांच वर्तमान में राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह द्वारा की जा रही है।

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2022 में 10 साल सजा का विधेयक पारित कियाः

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा 2022 के चुनाव होने है। इसी साल राजस्थान सरकार मार्च 2022 में विधानसभा ने सरकारी परीक्षा पेपर लीक होने और भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी करने पर पकडें जाने वाले व्यक्तियों को 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना निर्धारित किया। यह विधेयक सितंबर 2021 में हुई अध्यापक भर्ती परीक्षा (आरईईटी) पेपर लीक लीक के कारण रद्द होने के बाद आया।

2019 से लेकर अब तक लगभग 12 पेपर लीक का मामलाः

राजस्थान में एक मीड़िया रिपोर्ट के अनुसार सरकारी नौकारियों में अब तक लगभग 12 पेपर लीक होने का मामला सामने आया है। वहीं 2011 से 2022 के बींच हुई परीक्षाओं मे पेपर लीक के मामले 26 दर्ज किए गए। 2022 में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के कारण सरकार को परीक्षा रद्द करनी पडी थी। इसके अलावा हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ था। जिस कारण परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। इन सभी परीक्षओं मे लीक हुए पेपर से वहां के लगभग 40 लाख छात्र प्रभावित हुए है।


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