Rajasthan Borewell Accident: कोटपूतली में 3 साल की बालिका चेतना एक गहरे बोरवेल में गिरकर फंसी हुई है और उसका रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। यह घटना तब हुई जब बालिका खेलते हुए घर के बाहर खोदी गई 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। चेतना लगभग 150 फीट नीचे गिरकर बोरवेल में फंस गई है और अब तक बचाव कार्य में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बचाव दल को एक नई रणनीति अपनाकर चेतना तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक वह 35 से 40 फुट ऊपर ही लायी जा सकी है।
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सीसीटीवी में कोई हलचल नजर नहीं आई

बताते चले कि, चेतना के बोरवेल में गिरने के बाद से उसकी हरकतों को मॉनिटर करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। हालांकि, अब तक के प्रयासों में कैमरे में बच्ची द्वारा कोई भी हलचल या मूवमेंट नजर नहीं आई है, जिससे परिजनों और बचाव दल की चिंता बढ़ गई है। सीसीटीवी फुटेज में उसकी स्थिति को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलने के कारण ऑपरेशन में और भी जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं।
परिजनों की चिंता बढ़ी
चेतना के माता-पिता और अन्य परिजन इस घटना के बाद से मानसिक तनाव और चिंता में हैं। बचाव कार्य के दौरान बच्ची की स्थिति को लेकर उनकी चिंता बढ़ती जा रही है, क्योंकि अब तक बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है। उनके लिए यह एक कठिन और दिल दहला देने वाली स्थिति बन गई है, क्योंकि वे अपनी बेटी के जीवन के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किल
रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बचाव दल ने पाइलिंग मशीन और रैट माइनर्स की मदद से गहरे गड्ढे की खुदाई शुरू की थी। हालांकि, कई बार गड्ढा खोदने के दौरान पत्थर आने से काम में रुकावट आई है। इसके बावजूद बचाव दल ने नए उपकरणों के माध्यम से गड्ढे की खुदाई जारी रखी और बच्ची तक पहुंचने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार किया।

हालांकि, बच्ची को अब तक 35 से 40 फीट ऊपर लाया जा चुका है, लेकिन उसे पूरी तरह से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए और अधिक समय और कोशिश की आवश्यकता है। इस दौरान विशेषज्ञों की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रही है और हर कदम पर विचार विमर्श किया जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में उम्मीद की किरण
चेतना के बोरवेल से बाहर निकलने की उम्मीद अब भी कायम है। बचाव कार्य को लेकर अधिकारियों का मानना है कि अगर सावधानीपूर्वक और सही रणनीति के साथ काम किया जाए, तो बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है। ऑपरेशन के दौरान हर एक कदम को ध्यान से उठाया जा रहा है ताकि बचाव टीम की मेहनत सफल हो और बच्चे की जान बचाई जा सके। रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम को परिजनों और स्थानीय लोगों से पूरा सहयोग मिल रहा है और वे सभी इस उम्मीद के साथ हैं कि जल्द ही चेतना को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जाएगा।
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