Raja Raghuvanshi Murder Case:इंदौर के राजा रघुवंशी की शिलांग में हत्या के मामले में पुलिस ने एक शातिर साजिश का पर्दाफाश किया है। पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने सोनम रघुवंशी को सच्चाई बताने पर मजबूर किया। आइए जानते हैं कि पुलिस ने कौन सी रणनीति अपनाई और कैसे सोनम ने अपना जुर्म कबूल किया।
घटनास्थल से मिले चाकू ने बढ़ाया शक
2 जून को राजा रघुवंशी का शव शिलांग के एक सुनसान स्थान से बरामद हुआ। घटनास्थल से एक चाकू मिला, जो स्थानीय बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं था। इससे पुलिस को शक हुआ कि हत्या में बाहरी व्यक्ति का हाथ हो सकता है। इस आधार पर पुलिस ने राजा और सोनम की कॉल डिटेल्स खंगालनी शुरू की।
कॉल डिटेल्स से खुला राज
पुलिस ने सोनम की कॉल डिटेल्स की जांच की, जिसमें पता चला कि वह लगातार ‘राज’ नाम के व्यक्ति से संपर्क में थी। इसके बाद पुलिस ने राज की कॉल डिटेल्स भी खंगाली, जिसमें विशाल, आनंद और आकाश नाम के तीन और संदिग्ध सामने आए। इनकी कॉल डिटेल्स से पुलिस को यह संकेत मिला कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी।
सीसीटीवी फुटेज से मिली अहम जानकारी
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें सोनम अपने पति से छिपकर किसी से चैट करती नजर आई। यह देखकर पुलिस को शक और गहरा हुआ कि सोनम हत्या की साजिश में शामिल हो सकती है।
पुलिस की रणनीति ने दिलवाया सच
पुलिस ने अपनी रणनीति के तहत सोनम से कहा कि उसके पति राजा के मोबाइल से एक पोस्ट 2:15 बजे रात को की गई थी, जबकि वह पहले ही मर चुका था। यह जानकारी सुनते ही सोनम घबराई और उसने हत्या की साजिश का खुलासा कर दिया। उसने बताया कि वह और राज ने मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने सोनम और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। राज कुशवाहा, विशाल, आनंद और आकाश को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की जांच जारी है और इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।इस मामले ने यह साबित कर दिया कि पुलिस की सूझबूझ और रणनीति से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता। सोनम और उसके साथियों की गिरफ्तारी से यह संदेश जाता है कि अपराध चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता।