Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (OM Birla) को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने अपने भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से हटाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। राहुल गांधी ने स्पीकर से मांग की है कि उनके हटाए गए बयानों को फिर से संसद के रिकॉर्ड में शामिल किया जाए। उन्होंने अपने खत में यह दावा किया है कि उनके बयान में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था।
राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा कि उनके विचारों को कार्यवाही से हटाना संसदीय लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। उन्होंने आग्रह किया कि उनके भाषण के हटाए गए हिस्सों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए। राहुल गांधी ने उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के भाषण में भी आरोप थे, लेकिन उनके भाषण से केवल एक शब्द हटाया गया, जबकि उनके भाषण के कई हिस्से हटा दिए गए।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि उन्होंने सदन में सच्चाई रखी थी और हर सांसद का अधिकार है कि वह संसद में लोगों से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है, लेकिन हकीकत में नहीं। बीजेपी ने राहुल गांधी के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि लोकसभा स्पीकर के पास भाषण के अंश हटाने का अधिकार है।
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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में दिए गए राहुल गांधी के भाषण के कुछ हिस्से सोमवार को हटा दिए गए। हटाए गए अंशों में हिंदुओं और कुछ अन्य धर्मों पर उनकी टिप्पणियां शामिल थीं। राहुल गांधी ने भाजपा पर देश में हिंसा, नफरत और डर फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि ये लोग हिंदू नहीं हैं क्योंकि 24 घंटे हिंसा की बात करते हैं।
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भगवान शिव की तस्वीर पर आपत्ति

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने भाषण के दौरान भगवान शिव की तस्वीर दिखाई, जिसे देखकर स्पीकर ओम बिरला ने नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई। राहुल गांधी के इन बयानों को हिंदुत्व की गरिमा को ठेस पहुंचाने के कारण कार्यवाही से हटा दिया गया। राहुल गांधी ने अपने भाषण में बीजेपी के लोगों पर अल्पसंख्यकों, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों को डराने, उन पर हमला करने और उनके खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक इस देश के साथ चट्टान की तरह मजबूती से खड़े रहे हैं और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। राहुल गांधी ने “जय संविधान” के नारे के साथ भाषण की शुरुआत की थी और कहा कि उन्होंने और देशवासियों ने मिलकर संविधान की रक्षा की है।
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