Rahul Gandhi US Visit: कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिन की यात्रा पर अमेरिका पहुंचे हैं। इस दौरे के दौरान उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और भारत की मौजूदा सामाजिक स्थिति पर खुलकर अपनी राय रखी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत में बेरोजगारी, शिक्षा और टेक्नोलॉजी जैसे गंभीर मुद्दों पर भी बात की और इसके साथ-साथ पश्चिमी देशों में बढ़ रही बेरोजगारी पर भी चिंता जताई। राहुल गांधी ने अपने भाषण में आरएसएस पर हमला करते हुए कहा, “आरएसएस के लोग मानते हैं कि भारत एक विचार है, जबकि हमारा मानना है कि भारत कई विचारों का संगम है। हमारा दृष्टिकोण है कि हर किसी को अपनी सोच और सपनों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, बिना किसी डर के।”
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चुनाव और संविधान को लेकर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “चुनाव के दौरान यह साफ दिखाई दिया कि प्रधानमंत्री संविधान पर हमला कर रहे थे। मैं जो बातें कर रहा हूं, वो संविधान में भी मौजूद हैं। राज्यों का संघ होना, भाषाओं का सम्मान और सभी धर्मों का आदर करना—ये हमारे संविधान के मूल सिद्धांत हैं।” उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सरकार इन सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है और देश की विविधता पर हमला कर रही है। राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मसले पर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि भारत को इस संकट से बाहर निकलने के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।
बेरोजगारी पर रखी अपनी बात
बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए राहुल गांधी ने चीन और वियतनाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के कई देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन चीन और वियतनाम जैसे देश इस समस्या से निपटने में सफल हो रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को इन देशों से सीखना चाहिए और अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी चाहिए ताकि देश में रोजगार के अवसर बढ़ सकें। उन्होंने कहा, “अगर हम अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाते हैं तो इससे न केवल भारत में नौकरियों का संकट कम होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।”
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‘प्रेम की राजनीति’ का विचार रखा सामने
राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने उन्हें भारत की राजनीति को एक नए नजरिए से देखने का अवसर दिया। उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा ने मेरे काम करने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि इस यात्रा के दौरान राजनीति में प्रेम का विचार सामने आया।” राहुल गांधी ने बताया कि इस यात्रा से उन्हें यह समझने का मौका मिला कि भारतीय राजनीति में प्रेम और सौहार्द्र की कितनी जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने का यह अनुभव उनके लिए बेहद खास था।
युवाओं को दी सलाह
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान बेरोजगारी और शिक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और पश्चिमी देश एक समान रूप से नौकरियों के संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को अपने युवाओं को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें। राहुल गांधी ने कहा कि तकनीकी प्रगति के इस युग में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को दुनिया के बदलावों के साथ चलने के लिए तैयार होना होगा और इसके लिए शिक्षा प्रणाली में सुधार करना बेहद जरूरी है।
अमेरिका दौरे के जरिए विपक्ष को दे रहे हैं मजबूती
राहुल गांधी का यह दौरा भारतीय राजनीति के लिए भी अहम माना जा रहा है। उन्होंने अमेरिका में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखी। इसके साथ ही वह भारतीय समुदाय से भी जुड़े और उन्हें कांग्रेस के दृष्टिकोण से अवगत कराया। राहुल गांधी का यह दौरा विपक्ष को मजबूती देने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। उन्होंने अपने भाषणों के जरिए मौजूदा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और कांग्रेस की विचारधारा को मजबूती से पेश किया।
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