विपक्षी एकता पर सवाल, ये कैसा मिलाप?

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

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दिल्ली: विपक्षी एकता को भले ही लोग कामयाब कह रहे और इसके लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों की तारीफ कर रहे, लेकिन सच यह है कि विपक्षी एकता न बन पाने के कई कारण भी हैं. कभी अध्यादेश पर अरविंद केजरीवाल मुखर होकर विपक्षियों का समर्थन नहीं मिलने पर विपक्षी एकता से इशारों-इशारों में दूर होने का करते है।

तो कभी दिल्ली की सड़कों पर पानी भरता देखकर आप-कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप लगाती हुई दिखती है. जबकि बंगाल हिंसा पर भी ममता बनर्जी से खासी नाराजगी विपक्षी दलों खुलकर तो नहीं, लेकिन गुपचुप तरीके से नाराज़गी जाहिर की है.

दूसरी ओर यूपी में भी सियासी खटपट की खबरें सामने आ रही है. जहां अखिलेश यादव और जयंत चौधरी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अंदरखाने से जो खबरें सामने आ रही है कि लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी बीजेपी के साथ जा सकते है. सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर अभी दोनों नाव पर सवार है कभी वो अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए नजर आते है तो कभी भाजपा पर, अब सवाल ये उठता है कि बैठकों का दौर तो जारी है लोकसभा चुनाव तक कौन किसके साथ जाता है ये देखना दिलचस्प रहेगा.

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एक मंच पर दिखेंगे पीएम और शरद पवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने 1 अगस्त को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. एनसीपी में मतभेद और शरद पवार के भतीजे के बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद, शरद पवार और पीएम मोदी आने वाले अगस्त में पहली बार मंच साझा करेंगे. बताया जा रहा है कि, पीएम मोदी के शानदार नेतृत्व और नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए उन्हें यह अवॉर्ड दिया जा रहा है.

जहां आयोजनकर्ता ट्रस्ट के अध्यक्ष दीपक तिलक ने बताया कि, “लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्यतिथि पर 1 अगस्त को तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट प्रधानमंत्री मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेगा.इतना ही नहीं, इसी कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएमदेवेंद्र फडणवीस, डीसीएम अजित पवार और कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे मौजूद रहेंगे.

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