QS Ranking: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत के 54 संस्थानों को स्थान मिला है। 2014 में यह संख्या केवल 11 थी।शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सफलता का परिणाम बताया।केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रदर्शन पर खुशी जताई है।
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि,इस वर्ष भारत ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है और कुल 54 संस्थानों को वैश्विक रैंकिंग में स्थान मिला है।धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया,वर्ष 2014 में यह संख्या केवल 11 थी और बीते एक दशक में इसमें लगभग पाँच गुना वृद्धि हुई है।उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र में किए गए व्यापक सुधारों का नतीजा बताया।
QS संस्थान रैंकिंग में चौथे नंबर पर आया भारत
उन्होंने कहा,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाते हुए शोध,नवाचार और वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया है।इसके चलते भारत अब G20 देशों में सबसे तेजी से उभरती हुई शिक्षा प्रणाली बन चुका है।QS रैंकिंग में संस्थानों की संख्या के लिहाज से भारत अब अमेरिका,ब्रिटेन और चीन के बाद चौथे स्थान पर है।धर्मेन्द्र प्रधान ने विश्वास जताया कि,आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभाव से और भी अधिक भारतीय संस्थान वैश्विक उत्कृष्टता की सूची में शामिल होंगे।
5 भारतीय संस्थानों ने शीर्ष 100 में बनाई जगह
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि,पिछले एक दशक में भारत ने QS रैंकिंग में अपने प्रतिनिधित्व में 390 प्रतिशत की चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की है।यह वृद्धि G-20 देशों में सबसे तेज मानी जा रही है,जो वैश्विक मंच पर भारत की शिक्षा नीति की प्रभावशीलता को दर्शाती है।इस वर्ष के आंकड़ों के अनुसार,भारत के लगभग 48 प्रतिशत विश्वविद्यालयों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और पांच भारतीय संस्थानों ने वैश्विक शीर्ष 100 में जगह बनाई है।
आईआईटी मद्रास ने 47 पायदान की लगाई छलांग
पिछले साल की रैंकिंग में भारत का शीर्ष संस्थान आईआईटी बॉम्बे इस साल 118वें स्थान से फिसलकर 129वें वें स्थान पर आ गया है।आईआईटी मद्रास ने उल्लेखनीय सुधार करते हुए 47 पायदान की छलांग लगाई है और 180वें स्थान पर पहुंच गया है,जबकि पिछले साल यह 227वें स्थान पर था।इस वर्ष भारत के लगभग 48 प्रतिशत विश्वविद्यालयों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
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