Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग के बीच रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान से बहुत जल्द मुलाकात करने वाले हैं।दोनों के बीच यह मुलाकात तुर्कमेनिस्तान में होने वाली है इस मुलाकात में दोनों देशों के प्रमुखों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही मिडिल ईस्ट में तेजी से बिगड़ती स्थिति पर भी चर्चा होगी।अंदेशा जताया जा रहा है कि,ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पुतिन कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
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ईरान के राष्ट्रपति से पुतिन करेंगे मुलाकात
रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने इस बात की जानकारी दी है कि,दोनों नेता अश्गाबात में एक तुर्कमेन कवि की स्मृति में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के दौरान मिलेंगे।हालांकि पुतिन क्या इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से मिलेंगे इसकी फिलहाल अभी कोई योजना नहीं है लेकिन दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग के चलते मिडिल ईस्ट में स्थितियां बिगड़ रही हैं पुतिन अपनी इस मुलाकात में ईरान के राष्ट्रपति के साथ चर्चा करेंगे।
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मिडिल ईस्ट में बिगड़ती स्थितियों को लेकर होगी बातचीत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के बीच मिडिल ईस्ट में बिगड़ती स्थिति को लेकर यह एक महत्वपूर्ण मुलाकात होगी।जानकारों का मानना है कि,पुतिन ईरान और इजरायल की जंग पर अपनी नजर बनाए हुए हैं यूक्रेन के साथ लंबे समय से छिड़ी जंग के चलते रुस जंग की शुरुआत से ही अमेरिका के निशाने पर है यही वजह है कि,अमेरिका के कट्टर दुश्मन पुतिन इस मुलाकात के बाद ईरान के साथ जंग में खड़े हो सकते हैं क्योंकि ईरान के साथ रुस के अच्छे संबंध हैं और कई पश्चिमी देशों का आरोप है कि,ईरान ने मास्को को यूक्रेन से जंग के समय रुस को ड्रोन और मिसाइलों की भी आपूर्ति की है।
इजरायल के जरिए अमेरिका को साधने की होगी कोशिश!
आपको बता दें कि,रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध को छिड़े हुए एक लंबा समय हो गया है तभी से रुस का कई देशों ने खुलकर विरोध किया इस विरोध के बीच रुस एक बार फिर से दुनिया के महाशक्ति वाले देश के तौर पर खुद को साबित करने में लगा है इस बीच उसका एक बार फिर पूरा प्रयास है कि,रुस को दुनिया में महाशक्ति देश के तौर पर जाना जाए।रुस का यूक्रेन पर हमला करना भी इसी का एक परिणाम है यूक्रेन की अमेरिका से बढ़ती निकटता और उसको नाटो का सदस्य बनाए जाने की ओर बढ़ाए गए कदमों की वजह से रुस ने यूक्रेन पर हमला किया था।हमले के बाद जब-जब यूक्रेन रुस के आगे कमजोर पड़ता दिखाई दिया तो अमेरिका ने यूक्रेन की मदद की जिस पर रुस को काफी ऐतराज है।रुस अब ईरान से अपनी नजदीकियां बढ़ाकर दिखाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है इसके पीछे उसका उद्देश्य है कि,इजरायल और ईरान के बीच जंग में ईरान के साथ आकर रुस को अमेरिका को साधने का मौका मिल सकता है क्योंकि अब तक तो रुस इजरायल के मामले में अपनी न्यूट्रल भूमिका बनाए हुए था।