Food Inflation in India: महंगाई, विशेषकर खाने-पीने की वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम लोगों के लिए राहत की खबर आई है. पिछले एक साल से दालों की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं, लेकिन अब इनकी कीमतों में नरमी आने लगी है. आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में और कमी की संभावना जताई जा रही है.
दालों की कीमतों में आई कमी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक महीने से देशभर की विभिन्न मंडियों में दालों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। विशेष रूप से चना, तुअर (अरहर) और उड़द दाल की कीमतों में नरमी आई है. जनवरी में दालों की खुदरा महंगाई दर 19.54 फीसदी थी, जो जून में घटकर 16.07 फीसदी पर आ गई है.
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अरहर दाल की खुदरा कीमतें अब 160 रुपये प्रति किलो पर आ गई हैं, जो एक महीने पहले की तुलना में 5.8 फीसदी कम है. इसी प्रकार, मसूर दाल की कीमतें भी एक महीने पहले के मुकाबले 10 फीसदी घटकर 90 रुपये प्रति किलो हो गई हैं.
सरकार के प्रयासों से मिली राहत
दालों की कीमतों में आई नरमी का मुख्य कारण सरकारी प्रयासों से दालों के आयात में तेजी लाना है. सरकार ने दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अरहर, उड़द और मसूर दाल पर ड्यूटी-फ्री इम्पोर्ट को 31 मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है, जिससे दालों का आयात बढ़ रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 4.73 मिलियन टन दालों का आयात किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 90 फीसदी ज्यादा है.
सरकार ने जमाखोरी को रोकने के लिए भी कड़े कदम उठाए हैं. अरहर और चना दाल पर 30 सितंबर तक स्टॉक की लिमिट लगा दी गई है, जिससे दालों की उपलब्धता में सुधार हो रहा है.
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दलहन की बुआई में वृद्धि
इसके अतिरिक्त, बेहतर बारिश के कारण दलहन की बुआई में वृद्धि देखी जा रही है. 2 अगस्त तक 11.06 मिलियन हेक्टेयर में दालों की बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 11 फीसदी अधिक है.इस प्रकार, दालों की कीमतों में आ रही नरमी और सरकारी प्रयासों से उपभोक्ताओं को राहत मिल रही है. आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में और कमी की उम्मीद है, जिससे आम लोगों को महंगाई के दबाव से राहत मिलेगी.
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