Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश में डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने और गोवंश के नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत देशी नस्ल की गायों के संरक्षण एवं संवर्धन को प्राथमिकता देने के दिशा-निर्देश दिए हैं।देशी गाय के दूध की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए गिर,साहीवाल,थारपारकर,गंगातीरी एवं हरियाणवी जैसी देशी नस्ल की गायों के पालन हेतु किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाए।कृत्रिम गर्भाधान योजना के अंतर्गत सेक्सड सार्टेड सीमन पर बल दिया जाए, इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम से जुड़े लोगों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए।
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कैबिनेट मंत्री ने की पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की बैठक
कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास की बैठक करते हुए पशुधन क्षेत्र एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।उन्होंने कहा कि,वर्षाऋतु को ध्यान में रखते हुए 15 जुलाई तक गोचर भूमियों पर हरा चारा बोया जाए साथ ही संक्रामक रोगों को भी ध्यान में रखते हुए टीकाकरण कार्य हेतु लक्ष्य बनाकर आवश्यक तैयारियां पूरी की जाए और गलाघोटू, खुरपका, मुंहपका एवं अन्य रोगों से पशुओं का बचाव व सुरक्षा की जाए। गोकाष्ठ की मशीनें हर गोशाला में उपलब्ध कराई जाए।
गोसंरक्षण कार्यों को संपादित करने का निर्देश
पशुधन मंत्री ने कहा,निराश्रित गोवंश का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारी नियमित रूप से निराश्रित गोशालाओं का निरीक्षण करे और गोवंश का संरक्षण सुनिश्चित करें। गोशालाओं में चारा, भूसा, पानी, विद्युत एवं औषधियों आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।अगर किसी गौवंश की मृत्यु होती है तो उसका निस्तारण नियमानुसार समुचित तरीके से किया जाए।निराश्रित गोवंश सड़कों एवं खेतों पर विचरण करता दिखाई दे,उसे तत्काल गोआश्रय स्थल पहुंचाया जाए।पशुधन विभाग द्वारा ग्राम्य विभाग, राजस्व, नगर विकास,गृह विभाग एवं पंचायतीराज विभाग के साथ मिलकर व्यवस्थित रूप से गोसंरक्षण कार्यों को संपादित किया जाए।
बैठक में मौजूद रहे अन्य विभागीय अधिकारी
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने दुग्ध विकास के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि,नई दुग्ध समितियों के गठन का कार्य निरन्तर संचालित किया जाए।दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम व किसान गोष्ठियां आयोजित की जाए।किसानों से संवाद और समन्वय स्थापित किये जाए।पराग के उत्पादों की मार्केटिंग पर विशेष बल दिया जाए और उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने कहा कि,गोसंरक्षण एवं गोआधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने हेतु गौ दुग्ध,गोबर,गोमूत्र के उपयोग के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक स्वावलम्बन एवं दुग्ध विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य किया जायेगा।
ये अधिकारी रहे मौजूद
प्रमुख सचिव ने मंत्री को आश्वस्त किया कि,उनसे प्राप्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।पशुधन विभाग एवं दुग्ध विकास विभाग द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के हित में जो भी लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं,उनको ससमय पूर्ण कर लिया जाए। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय,दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव,पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव,दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।