Priyank Panchal Retirement: आईपीएल 2025 के समाप्त होते ही भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने जा रही है। इस दौरे के लिए बीसीसीआई ने एक युवा टीम का ऐलान किया है, जिसकी कप्तानी शुभमन गिल को सौंपी गई है। रोहित शर्मा और विराट कोहली पहले ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। अब इसी बीच एक और अनुभवी भारतीय क्रिकेटर प्रियांक पांचाल ने भी फर्स्ट क्लास क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
35 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट को कहा अलविदा
आपको बता दे कि, गुजरात की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल ने 35 वर्ष की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में 8,000 से अधिक रन बनाए हैं और 250 से अधिक मैच खेले हैं। उनका ये फैसला क्रिकेट जगत के लिए एक भावनात्मक क्षण बन गया है।
भारतीय टीम में चयन के बावजूद नहीं मिला डेब्यू का मौका
प्रियांक पांचाल को साल 2021 में भारतीय टीम में जगह मिली थी, जब रोहित शर्मा चोटिल हो गए थे और साउथ अफ्रीका दौरे के लिए उन्हें टीम में शामिल किया गया था। हालांकि, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका नहीं मिल सका, जिससे उनके फैंस को निराशा जरूर हुई।
सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट में पिता को किया याद
रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए प्रियांक ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “बड़े होते हुए, मैंने भी अपने पिता को हीरो की तरह देखा, उन्हें प्रभावित करने की कोशिश की। उन्होंने मुझे हमेशा सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला दिया।” उन्होंने आगे लिखा कि यह संन्यास उनके लिए बेहद भावुक और कृतज्ञता से भरा हुआ क्षण है।
कई शतक और अर्धशतक किए अपने नाम
प्रियांक ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 127 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 45.18 की औसत से 8856 रन बनाए। उनके नाम 29 शतक और 34 अर्धशतक दर्ज हैं। इसके अलावा गेंदबाजी में भी उन्होंने 16 विकेट लिए हैं, जो उनके ऑलराउंड प्रदर्शन को दर्शाता है।
लिस्ट ए और टी20 में भी दिखाया दम
फर्स्ट क्लास के अलावा प्रियांक पांचाल ने 97 लिस्ट ए मुकाबलों में 3672 रन और 59 टी20 मैचों में 1522 रन बनाए हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में उनके नाम 8 शतक और 21 अर्धशतक दर्ज हैं, जो उनके निरंतर प्रदर्शन को दर्शाते हैं।
प्रियांक पांचाल का क्रिकेट से संन्यास भारतीय घरेलू क्रिकेट के लिए एक बड़ा क्षति है। उन्होंने वर्षों तक गुजरात और वेस्ट जोन के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया और युवाओं के लिए एक प्रेरणा बने। उनका संन्यास एक युग के अंत जैसा है, जिसमें एक समर्पित खिलाड़ी ने अपने करियर को सम्मानजनक तरीके से विदाई दी।
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