संवाददाता- अब्दुल वाजिद
Moradabad: भारत को शुरु से ही कृषि प्रधान देश माना गया है जहां की 80 प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में बसती हैं लेकिन विकास के नाम पर शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी काफी अंतर देखा जाता है जबकि केंद्र और राज्य सरकार हर साल गांवों में विकास के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च करती है इसके बावजूद भारत में आज भी ऐसे गांव मौजूद हैं जहां ग्रामीण जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
Read More: Manmohan Singh: कब होगा डॉ. मनमोहन सिंह अंतिम संस्कार? कई बड़ी हस्तियों ने दी गहरी संवेदना
पंचायत चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्रों का रियल्टी चेक

गांवों में विकास कार्यों की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान,पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों की होती है जिनके जिम्मे केंद्र और राज्य सरकारों से मिलने वाली राशि से गांव में सड़कों का निर्माण करना,जल निकासी की उचित व्यवस्था,पशुओं के पानी पीने की सुविधा,किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था,नालियों की साफ-सफाई,ग्राम पंचायत के मंदिर-मस्जिदों आदि स्थान पर लाइट की व्यवस्था इसके अलावा अलग-अलग धर्म के लिए कब्रिस्तान,दाह संस्कार स्थल का निर्माण कराना भी पंचायत सद्स्यों की जिम्मेदारी होती है।
ग्राउंड जीरो पर सच जानने उतरी प्राइम टीवी टीम

गांवों में अब जल्द पंचायत चुनाव होने वाले हैं इस बीच जनता के मन में 5 साल का गांव में कराए गए विकास कार्यों को जानना उनका अधिकार है जिसको लेकर प्राइम टीवी के संवाददाता लगातार विकास कार्यों की सच्चाई जानने के लिए इन दिनों रियल्टी चेक कर जिम्मेदार अधिकारियों और पंचायत सदस्यों से सवाल-जवाब कर रहे हैं।इसी कड़ी में मुरादाबाद के ग्राम रसूलपुर सुनवाती में विकास कार्यों की सच्चाई जानने पहुंचे हमारे संवाददाता अब्दुल वाजिद ने ग्राम प्रधान के साथ ही अन्य ग्रामीणों से भी बातचीत की।
ग्राम रसूलपुर में नहीं बदले आज तक हालात
मुरादाबाद के ग्राम रसूलपुर सुनवाती में विकास कार्यों की कमी एक बड़ा मुद्दा है। सड़कें टूटी हुई हैं, नालियों में गंदगी का अंबार है, और कूड़े के ढेर नजर आते हैं। ग्राम प्रधान सुखीराम सिंह का दावा है कि,उन्होंने अपने 3 साल के कार्यकाल में गांव का कायाकल्प किया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग इसे छलावा बता रहे हैं।
निजी खर्च पर ग्रामीण स्वयं करा रहे गली का निर्माण

ग्रामीणों का आरोप है कि,गांव में विकास नाम की कोई चीज ही नहीं है। प्राइम टीवी की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर जब वहां का जायजा लिया तो मालूम हुआ ग्राम प्रधान से इलाके की जनता खासा नाराज है। ग्रामीणों ने बताया,गली का निर्माण ना होने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है, जिसकी वजह से वह खुद निजी खर्चे पर गली का निर्माण कर रहे हैं।
इस स्थिति में ग्राम प्रधान के विकास के दावे जमीनी स्तर पर धराशायी होते दिखाई दिए। यह एक बड़ा सवाल है जब सरकार विकास कार्यों पर इतना जोर दे रही है, तो फिर ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य क्यों नहीं हो रहे हैं? इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है।
Read More: Pilibhit मुठभेड़ में ढेर खालिस्तानी आतंकियों के मददगार की तलाश? पुलिस और NIA टीम ने की छापेमारी