भगवान राम के मस्तक पर सूर्य तिलक की चल रही तैयारी,भव्य तरीके से होगी इस बार की रामनवमी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Ram Mandir: 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद रामलला अयोध्या में गर्भग्रह में विराजमान हो चुके है. भगवान राम के गर्भग्रह में विराजमान होने के बाद पहली रामनवमी में रामलला का जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाने की बहुत ही जोर-शोर से तैयारियां हो रही है. इस बार रामनवमी में राम मंदिर में भगवान राम के मस्तक पर सूर्य तिलक की तैयारी की जा रही है. इसकी तैयारी में रुड़की के वैज्ञानिक दिन रात लगे हुए है।

read more: चुनाव से पहले Manipur हिंसा पर PM मोदी का बयान, बोले-‘राज्य की स्थिति में जबरदस्त हुआ सुधार’

किस समय होगा रामलला का सूर्य तिलक ?

वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे रामलाल का सूर्य तिलक होगा. रुड़की के वैज्ञानिक इसकी तैयारी के लिए दिन रात एक करने में लगे हुए हैं. पहले इसका ट्रायल होगा. सफलता मिलने के बाद रामनवमी पर सूर्य तिलक होगा.दरअसल, राम मंदिर के निर्माण के समय ये तय हुआ था कि रामनवमी पर रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणों से तिलक किया जाएगा. अब रामनवमी से पहले इसकी तैयारियां शुरू हो गई है. विशेष उपकरणों की मदद से ये सूर्य तिलक किया जाएगा. लगभग 75 मिमी का ये तिलक होगा और तीन से चार मिनट तक देखा जा सकेगा. हालांकि आम दर्शनार्थियों को सूर्य तिलक सीधे नहीं देखने को मिलेगा. इसका लाइव प्रसारण करने की तैयारी की जा रही है.

सूर्य तिलक के लिए हो रही विशेष तैयारी

आपको बता दे कि रामनवमी पर सूर्य तिलक के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. मंदिर के अलग-अलग फ्लोर पर विशेष लेंस, दर्पण लगाए जा रहे हैं. जिससे सूर्य की किरणों को रामलला की मूर्ति तक पहुंचा जा सके. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को इस कार्य के लिए लगाया गया है. हर साल रामनवमी पर ये व्यवस्था की जाएगी.रामनवमी के मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में 20 घंटे तक दर्शन की सुविधा मिलेगी. ये व्यवस्था 15 से 17 अप्रैल तक रहेगी. अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर रामनवमी का लाइव प्रसारण किया जाएगा.

20 घंटे दर्शन की रहेगी व्यवस्था

रामलला के सुबह, दोपहर और रात में राग भोग व श्रृंगार में लगभग चार घंटे लगते हैं. इसके अलावा 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था रहेगी. उन्होंने श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन, जूता-चप्पल, सामान रखकर मंदिर आने की सलाह दी है. इससे दर्शन में आसानी होगी और समय भी कम लगेगा. श्रद्धालुओं के राम जन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक 50 स्थानों पर पीने की पानी की व्यवस्था की जाएगी. जूट का कारपेट बिछेगा. छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं. प्रसाद के साथ साथ ओआरएस घोल भी श्रद्धालुओं को दिया जाएगा. जिससे गर्मी में उन्हें एनर्जी मिलती रहे. रामनवमी के मौके पर 15 से 18 अप्रैल तक पास की व्यवस्था निरस्त रहेगी. जिनके पास पहले से बुक हैं, वो भी निरस्त कर दिए गए हैं.

read more: वाराणसी से बरामद हुई BJP अध्यक्ष की फॉर्च्यूनर कार,नागालैंड भेजने की फिराक में थे चोर

Share This Article
Exit mobile version