Premananda Maharaj:वृंदावन में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब परिक्रमा मार्ग पर पदयात्रा कर रहे प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज लोहे के एक भारी सजावटी ट्रस के गिरने से बाल-बाल बच गए। यह घटना सुबह लगभग 9:30 बजे की है जब महाराज रोज की तरह परिक्रमा पर निकले थे और हज़ारों श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए मार्ग के दोनों ओर खड़े थे।
कैसे हुआ हादसा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संत प्रेमानंद महाराज के स्वागत के लिए परिक्रमा मार्ग पर लोहे के पाइपों से एक विशाल सजावटी ट्रस लगाया गया था। जैसे ही महाराज उस स्थान से गुजरने वाले थे, ट्रस अचानक हिलने लगा और गिरने की स्थिति में आ गया। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों और भक्तों ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए ट्रस को थाम लिया और महाराज को सुरक्षित आगे ले जाया गया।
घटना के बाद मची अफरा-तफरी
इस अप्रत्याशित घटना के बाद कुछ देर के लिए पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई क्योंकि कुछ ही सेकंड की देर होती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। सौभाग्य से, राधारानी की कृपा और लोगों की त्वरित प्रतिक्रिया से संत सुरक्षित रहे। महाराज ने स्वयं भक्तों से शांत रहने की अपील की और बिना रुके अपनी पदयात्रा को आगे बढ़ाया।
Read More:Narasimha Jayanti 2025: नृसिंह चतुर्दशी पर इन उपायों से टल जाएंगे सारे संकट, पूरी होगी मनोकामना
सोशल मीडिया पर वायरल
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उस समय वहां भारी भीड़ थी। ट्रस का हिलना और अचानक असंतुलित होना बेहद खतरनाक स्थिति बन गया था। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह ट्रस गिरने की स्थिति में था और सुरक्षाकर्मी महाराज को घेरे में लेकर तत्काल आगे ले गए।
स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर सवाल
इस घटना ने आयोजकों और स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब इतने बड़े स्तर पर धार्मिक आयोजन होते हैं और हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहते हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था और मंच सजावट में लापरवाही किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकती है।
प्रेमानंद महाराज का अनुयायियों के लिए संदेश
संत प्रेमानंद महाराज का संयम और धैर्य इस कठिन समय में भी देखने लायक था। उन्होंने न केवल अपने अनुयायियों को धैर्य रखने का संदेश दिया, बल्कि स्वयं भी शांति और सहजता के साथ अपनी पदयात्रा को पूर्ण किया। श्रद्धालुओं ने उनके इस व्यवहार की सराहना करते हुए और भी अधिक श्रद्धा जताई।