Prayagraj: मदरसे में चल रहा था नकली नोट बनाने का खेल, पकिस्तान से जुड़े हो सकते तार…जांच में जुटी पुलिस

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Fake currency

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) जिले में बुधवार को पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। शहर के अतरसुइया स्थित एक मदरसे से नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का खुलासा किया गया है। पुलिस ने मदरसे पर छापा मारकर 1 लाख 30 हजार रुपये के नकली 100-100 रुपये के नोट बरामद किए हैं। इस गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें मदरसे का मौलवी भी शामिल है।

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गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार

पुलिस ने गत कुछ दिनों से मदरसे में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद यहां पर निगरानी रखना शुरू किया था। बुधवार (28 अगस्त) को पुलिस ने जब मदरसे पर दबिश दी, तो उन्हें एक प्रिंटिंग मशीन पर तीन लोग नकली नोट छापते हुए मिले। इन तीनों से पूछताछ के बाद पता चला कि गिरोह के सदस्य मदरसे के प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरुल की भी मिलीभगत में हैं। गिरफ्तार आरोपितों में 18 वर्षीय मोहम्मद अफजल, 18 वर्षीय मोहम्मद शाहिद, 23 वर्षीय जाहिर खान और 25 वर्षीय मौलवी तफसीरुल शामिल हैं।

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18 लाख रुपये के नकली नोट खपाने की बात कबूल की

आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे पिछले तीन महीने से नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। अब तक वे बाजार में लगभग 18 लाख रुपये के नकली नोट खपा चुके थे। गिरफ्तार जाहिर ने बताया कि मौलवी तफसीरुल छुट्टियों के समय बच्चों को पढ़ाने के बाद नकली नोट छापने में मदद करता था। तफसीरुल ने खासतौर पर नोटों की कटिंग का काम किया।

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मदरसे का मौलवी गिरोह का सीनियर सदस्य

मौलवी तफसीरुल और जाहिर खान के बीच रिश्ते का खुलासा भी हुआ है। जाहिर, जो ओडिशा का निवासी है, तफसीरुल के गांव का ही है और मदरसे में पढ़ाई के बाद मौलवी बन गया था। वह तफसीरुल के साथ मदरसे के एक कमरे में नकली नोट बनाने में शामिल था। पुलिस ने कहा कि फिलहाल तफसीरुल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है, लेकिन ओडिशा पुलिस से संपर्क किया जा रहा है ताकि उनके संबंधों की पूरी जानकारी मिल सके। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि वे 15 हजार असली नोट के बदले 45 हजार के नकली नोट देते थे। गिरोह ने खुद स्वीकार किया है कि वे असली नोटों के कागज का ही उपयोग करते थे, जो पानी में भी खराब नहीं होते। इससे स्पष्ट होता है कि इन्हें कागज और स्याही कहां से मिलती थी, इसकी जांच की जा रही है।

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बड़ा सवाल: क्या गिरोह के तार सीमा पार से जुड़े हैं?

जांच एजेंसियों का मानना है कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान और अन्य देशों से भी जुड़े हो सकते हैं। बड़े नोट की जांच में दुकानदारों द्वारा सतर्कता के कारण ये लोग छोटे नोट छापकर बाजार में खपा रहे थे। पुलिस ने जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम मदरसे में छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में नकली नोट, लैपटॉप, स्कैनर और प्रिंटर बरामद किए हैं।

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कानूनी कार्रवाई जारी

एसीपी सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें जेल भेज दिया गया। अब इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी। अगर जांच में यह पाया गया कि नोट उच्च गुणवत्ता की नकली मुद्रा है, तो यह मामला आतंकवाद की श्रेणी में आ सकता है। भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 178 से 182 के तहत करेंसी नोटों की जालसाजी एक गंभीर अपराध है, जिसे संबंधित कानूनों के तहत दंडित किया जाएगा। समाज में छुपे हुए अपराधी किस तरह से स्थानीय संस्थानों का दुरुपयोग कर सकते हैं।

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