Pradosh Vrat 2025:प्रदोष व्रत, जो विशेष रूप से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का दिन होता है, हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में रवि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) 9 फरवरी को मनाया जाएगा, और इस दिन खास तौर पर सूर्य देव की उपासना की जाती है। इस दिन कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं, जिसमें ‘त्रिपुष्कर योग’ भी शामिल है, जो इस व्रत को विशेष बनाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि रवि प्रदोष व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें, साथ ही इस दिन का धार्मिक महत्व और पूजा विधि के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
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रवि प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत को विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए मनाया जाता है, जो कि भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, और सौभाग्य लाने का कार्य करता है। शिव पुराण के अनुसार, प्रदोष व्रत का फल व्यक्ति के दिन के अनुसार प्राप्त होता है, और जब यह व्रत रविवार के दिन पड़ता है, तो इसे ‘रवि प्रदोष व्रत’ कहा जाता है। इस दिन सूर्य देव की उपासना विशेष रूप से की जाती है,

और भगवान शिव की पूजा से आयु लंबी होने के साथ-साथ आरोग्य जीवन का वरदान भी प्राप्त होता है।रवि प्रदोष व्रत का महत्व इस कारण भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य और शिव की विशेष कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
त्रिपुष्कर योग और अन्य मंगलकारी संयोग

रवि प्रदोष व्रत पर इस बार ‘त्रिपुष्कर योग’ समेत कुल 8 मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि इन संयोगों में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को उनके द्वारा की गई पूजा का पूर्ण फल मिलेगा। यह योग विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो किसी संकट से उबरने की कोशिश कर रहे हैं या जो अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं।
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रवि प्रदोष व्रत पर क्या करें और क्या न करें?

रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य देव की उपासना करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और साधक के जीवन में समृद्धि आती है। इस दिन विशेष रूप से यह ध्यान रखना चाहिए:
क्या करें

- भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें।
- सूर्य देव की उपासना करके दिन की शुरुआत करें।
- व्रत रखते हुए शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करें।
- इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बेलपत्र अर्पित करें।
क्या न करें
- इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांसाहार और शराब से दूर रहें।
- गलत सोच और नकारात्मकता से बचें, क्योंकि यह पूजा के प्रभाव को कम कर सकती है।
- व्रत के दौरान कोई भी प्रकार का झगड़ा या विवाद न करें।