Manoj Soni के UPSC अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर सियासत,कांग्रेस ने जोड़ा IAS पूजा खेडकर विवाद से संबंध

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Manoj Soni

Manoj Soni: IAS पूजा खेडकर (IAS Pooja Khedkar) से संबंधित विवाद के बीच यूपीएससी के अध्यक्ष पद से मनोज सोनी (Manoj Soni) के इस्तीफे के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है.यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी (Manoj Soni) ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद से इस्तीफा दे दिया.मनोज सोनी 2017 से यूपीएससी से जुड़े हैं.मई 2023 में उन्होंने यूपीएससी का अध्यक्ष बनाया गया था.कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि,उन्होंने महीने भर पहले ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनके इस्तीफे को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।

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UPSC अध्यक्ष के इस्तीफे पर सियासत

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने मनोज सोनी (Manoj Soni) के इस्तीफे को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा है…यूपीएससी को परेशान करने वाले कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का कारण हैं.बीजेपी-आरएसएस व्यवस्थित रुप से भारत के संवैधानिक निकायों के संस्थागत अधिग्रहण में लिप्त है जिससे उनकी प्रतिष्ठा,अखंडता और स्वायत्तता को नुकसान पहुंच रहा है.उन्होंने कहा,यूपीएससी में कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का विषय है.पीएम मोदी और उनके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री को सफाई देनी चाहिए.जाति और चिकित्सा प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने वाले अयोग्य व्यक्तियों के कई मामलों ने एक ‘फुलप्रूफ’ प्रणाली को धोखा दिया है।

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IAS पूजा खेडकर के विवाद से जोड़ा मामला

कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर आगे लिखा कि,ये एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों सहित लाखों उम्मीदवारों की वास्तविक आकांक्षाओं का सीधा अपमान है जो सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं.ये परेशान करने वाला है कि,यूपीएससी अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल समाप्त होने से 5 साल पहले ही इस्तीफा दे दिया…..उनके इस्तीफे को 1 महीने तक गुप्त क्यों रखा गया?क्या कई घोटालों और इस्तीफे के बीच कोई संबंध है? मोदी जी के इस ‘नीली आंखों वाले रत्न’ को गुजरात से लाया गया और यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया।

कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

मल्लिकार्जुन खरगे ने ये भी कहा कि,लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा था लेकिन मोदी सरकार की शासन के हर पहलू को नियंत्रित करने की हताश कोशिश ने उसमें छेद कर दिया है!इसकी उच्चतम स्तर पर गहन जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में यूपीएससी प्रवेश में धोखाधड़ी के ऐसे मामले न हों।

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने आरोप लगाया कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से सभी संवैधानिक निकायों को कमजोर किया गया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2017 में गुजरात से अपने पसंदीदा ‘शिक्षाविदों’ में से एक को यूपीएससी सदस्य के रूप में लाए और उन्हें 2023 में 6 साल के कार्यकाल के लिए अध्यक्ष बनाया लेकिन इस तथाकथित प्रतिष्ठित सज्जन ने अब अपना कार्यकाल समाप्त होने से 5 साल पहले ही इस्ती़फा दे दिया है।

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