तबादले को रद्द किए जाने पर , पूर्व मंत्री ने सीएम पर लगाए आरोप

Sharad Chaurasia
By Sharad Chaurasia
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बिहार (मुजफ्फरपुर): संवाददाता – रुपेश कुमार

मुजफ्फरपुर। भाजपा के पूर्व भूमि सुधार व राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा RJD के मंत्री द्वारा किये गए ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल को फेल करने वाली सवालों पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार अपने दल जदयू के किसी कोटे वाले विभाग का जाँच पड़ताल नही करते है। और सरकार में शामिल सहयोगी दल के कोटे वाले विभागों को लगातार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 480 अधिकारियों का ट्रांसफर रद्द किया गया।

नीतीश सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग की रद्द

Transfer-posting canceled by Nitish government

जिसमे बड़े पैमाने पर हुआ था खेल, बिहार सरकार में राजद के एक और मंत्री का बड़ा कारनामा सामने आया है। इस मामले में सरकार की छवि पिटने के बाद नीतीश कुमार ने भी बड़ा एक्शन लिया है। नीतीश कुमार के आदेश के बाद बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 480 अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक झटके में रद्द कर दी गयी है। 30 जून की रात सीओ, राजस्व पदाधिकारी और चकबंदी पदाधिकारियों की भारी पैमाने पर ट्रांसफर पोस्टिंग हुई थी। इसमें बड़े पैमाने पर खेल होने की चर्चा बताई जा रही है।
बता दें कि बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता है। वे तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते है। आलोक कुमार मेहता के विभाग ने 30 जून की रात ताबड़तोड़ ट्रांसफर-पोस्टिंग के पांच आदेश जारी किए थे। जिनमें 517 पदाधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी की गयी थी। 30 पदाधिकारियों को अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था। बाकी 480 अधिकारियों को बिहार के अलग अलग अंचलों में पोस्टिंग की गयी थी। इनमें सबसे ज्यादा 395 अंचलाधिकारी यानि सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की गयी थी।

जून माह मे होता है स्थान्तरण

बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक साल के जून महीने में मंत्रियों को ये अधिकार होता है कि वह अपने विभाग के पदाधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते है। इसके अलावा किसी दूसरे महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करने पर उसकी मंजूरी मुख्यमंत्री से लेनी होती है। जून महीने के आखिरी दिन मंत्री आलोक कुमार मेहता के विभाग में ताबड़तोड़ ट्रांसफर पोस्टिंग की नोटिफिकेशन निकाली गयी।
राज्य सरकार का नियम है कि किसी पदाधिकारी की पोस्टिंग एक स्थान पर तीन साल के लिए करनी है। बहुत विशेष परिस्थिति में ही 3 साल से पहले किसी अधिकारी का ट्रांसफर पोस्टिंग करना होता है। आलोक मेहता ने बिहार के लगभग 75 प्रतिशत सीओ का एक झटके में ट्रांसफर कर दिया। इनमें से ज्यादातर ऐसे थे जिनकी पोस्टिंग के तीन साल नहीं हुए थे। हद तो ये था कि 6 महीने एक साल पहले जिसकी पोस्टिंग हुई थी, उसका भी ट्रांसफर कर दिया गया। कई विधायकों ने की थी शिकायत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए कारनामे की चर्चा पूरे प्रशासनिक और सरकारी महकमे में आम चर्चा थी। चर्चा तो ये हो रही है कि 100 करोड़ से ज्यादा विभागीय खेल हो गया है।

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विधायकों ने की थी शिकायत

इस बीच कई विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की शिकायत की थी। जुलाई के पहले सप्ताह में ही नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल अपने पास मंगवाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने पूरे तबादले की जांच करायी थी। जांच में बड़े खेल का खुलासा हुआ था। रद्द कर दी गयी ट्रांसफर पोस्टिंग ,राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए खेल के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से सख्त दिशा निर्देश दिये गये थे।

MLAs had complained

इसके बाद आज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने खुद अधिसूचना जारी की है। इसमें 30 जून को जारी ट्रांसफर पोस्टिंग की अधिसूचना संख्या-4159 (3), 416 (3), 417(3) और 418(3) को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है। विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार सरकार के राजस्व पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक चकबंदी पदाधिकारी जैसे पदों पर 30 जून को किया गया तबादला निरस्त किया जाता है। नीतीश कुमार ने राजद के दूसरे मंत्री पर गाज गिरी। दोनों तेजस्वी यादव के बेहद करीबी मंत्री माने जाते है। इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विभाग में केके पाठक को बिठा कर उन्हें ठीक किया गया।

100 करोड़ से ज्यादा हुआ विभागीय खेल

शिक्षा विभाग में केके पाठक के जाने के बाद हाल ये हुआ कि जून महीने में मंत्री चंद्रशेखर कोई ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर पाये। सरकारी महकमे में चर्चा यही है कि ट्रांसफर पोस्टिंग का इरादा पूरा नहीं होने के बाद ही मंत्री चंद्रशेखर बौखलाये थे। उनके पास ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए 200 से ज्यादा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और दर्जनों जिला शिक्षा पदाधिकारियों की लिस्ट तैयार थी। लेकिन केके पाठक ने सारी प्लानिंग फेल कर दी। तभी जून महीना बीत जाने के बाद जुलाई में मंत्री चंद्रशेखर के सब्र का बांध टूट गया था।
भाजपा के पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने नीतीश कुमार को लेकर दिया बड़ा बयान कहा उन्हें अब भोलेनाथ के शरण मे जाना चाहिये, मड़ैया वगैरह बना कर राजनीतिक से सन्यास ले लेना चाहिये इतना ही नही बल्कि रामसूरत ने यहाँ तक निशाना साधा की इन लोगो का कभी भी निकाह टूट सकता है और तीन तलाक हो सकता है क्योंकि बेमेल गठबंधन है नीतीश कुमार इंतजार कर रहे है कि कब तेजस्वी जेल जाए और राजद को छोड़ कर भागे।

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