Jammu-Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के बडगाम जिले में बाहरी मजदूरों पर हुए आतंकी हमले के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने इस हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस वारदात में शामिल लोगों को सिर्फ मारना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए, ताकि इस घटना की गहराई से जांच हो सके और इसके पीछे की साजिश का पता चल सके.
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फारूक अब्दुल्ला ने आतंकी हमले की निंदा की
बताते चले कि, फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा, “इस मामले की तहकीकात होना बहुत जरूरी है.” उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में नई सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि इस प्रकार की वारदातें उन लोगों की साजिश हो सकती हैं जो प्रदेश में अस्थिरता फैलाना चाहते हैं. फारूक अब्दुल्ला ने यह सवाल उठाया कि ऐसी घटनाएं पहले क्यों नहीं हो रही थी और अब अचानक क्यों हो रही हैं. उन्होंने मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके.
उमर अब्दुल्ला ने साजिश की आशंका जताई
वहीं, इस हमले की निंदा करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन घटनाओं का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अस्थिरता और संकट पैदा करना हो सकता है. उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) का मानना है कि इस तरह की आतंकी गतिविधियों के पीछे एक गहरी साजिश हो सकती है. उनका कहना है कि इन हमलावरों को मारने के बजाय पकड़कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए ताकि इसके पीछे के असली मकसद का पता चल सके. उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि कहीं यह किसी एजेंसी का काम तो नहीं जो सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.
बाहरी मजदूरों पर आतंकी हमला
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में 1 नवंबर की शाम को गैर-स्थानीय मजदूरों पर आतंकियों ने हमला किया. इसके बाद बडगाम जिले के मागाम क्षेत्र में जल जीवन परियोजना पर काम कर रहे दो बाहरी मजदूरों को गोली मार दी गई. हमले में घायल मजदूर उत्तर प्रदेश के निवासी बताए जा रहे हैं और वर्तमान में अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. राहत की बात यह है कि उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
हमले के बाद सियासी माहौल गरमाया
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पंचायत चुनाव भी नजदीक आ रहे हैं, और इन हमलों के बाद राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है. फारूक और उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) का कहना है कि ऐसी घटनाओं के पीछे का मकसद सरकार को परेशान करना और चुनावों के माहौल को खराब करना हो सकता है. इस प्रकार, बडगाम (Budgam) में हुए इस आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति में हलचल तेज हो गई है और नेताओं ने इस घटना की गंभीरता से जांच करने की मांग की है.