Mukhtar Ansari Death: बीते दिन माफिया मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. बांदा जेल में हार्ट अटैक के बाद मुख्तार को जेल से अस्पातल में भर्ती कराया गया था. वहीं अब माफिया की निधन पर राजनीतिक गलियारों में सियासत शुरु हो गई है. विपक्षी दल लगातार प्रशासन को घेरते हुए दिखाई दे रहे है. मुख्तार अंसारी के निधन पर कई सियासी दलों के नेताओं ने शोक जताया, तो वहीं कुछ नेता लगाता सरकार पर सवाल उठाते और आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे है.
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बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है. यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है. माफिया के निधन की खबर सुनते ही उसके घर के बाहर समर्थकों की भीड़ बढ़ गई थी. माफिया के लिए नौजवानों की भीड़ जिंदाबाद के नारे बुलंद कर रही थी. मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने कहा है कि मेरे पिता को खाने में जहर दिया गया और इलाज मुकम्मल नहीं दिया गया. यह मौत नहीं है, हत्या है. लीगल तरीके से जो जांच करवाने के प्रयास होंगे, वो हम करेंगे.
सपा ने की न्यायिक जांच की मांग
पुर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर उनके अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने गंभीर आरोप लगाया है. अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने मुख्तार अंसारी की ओर से कोर्ट में गुहार लगाई थी. खाने में जहर देने के गंभीर आरोप लगाए थे. अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि उनकी मौत नही हत्या की गई है.
मुख्तार अंसारी सहित उनके गुर्गों के खिलाफ बाराबंकी में फर्जी एम्बुलेंस रजिस्ट्रेशन मामले को लेकर मुकदमें दर्ज थे. सपा प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने कहा है कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिये. इस घटना के लिये जो दोषी है, उस पर कारवाई होनी चाहिये. पिछले 18 साल से जेल में थे. उन्होंने खत लिखा था. जेल प्रशासन और सरकार के ऊपर सवाल उठाता है. इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये. न्याय सबके साथ एक होना चाहिये. इस सरकार में कैमरे के सामने गोली मारी गई.
अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है. सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:
- थाने में बंद रहने के दौरान
- जेल के अंदर आपसी झगड़े में
- जेल के अंदर बीमार होने पर
- न्यायालय ले जाते समय
- अस्पताल ले जाते समय
- अस्पताल में इलाज के दौरान
- झूठी मुठभेड़ दिखाकर
- झूठी आत्महत्या दिखाकर
- किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर
ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए. सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं. जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं. उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है.
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पूर्व डीजीपी ने क्या कहा?
यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, “राज्य में कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं. खासकर गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर और वाराणसी जैसे इलाकों में. पुलिस सड़कों पर गश्त कर रही है और लोगों को शांति बनाए रखने और अफवाहें न फैलाने के लिए कह रही है.”
मायावती ने उच्च-स्तरीय जांच की मांग की
यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, “मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें. ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक. कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे.”
शिवपाल सिंह यादव ने जताया शोक
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का निधन दुःखद है, ईश्वर दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. भावपूर्ण श्रद्धांजलि!”
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