PMO:जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक का दौर जारी है। PM मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के साथ मुलाकात की, जिसके बाद गृह सचिव गोविंद मोहन सिंह भी पीएम मोदी से मिलने पहुंचे। इन बैठकों से यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार सुरक्षा मामलों पर गंभीर चर्चा कर रही है।
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प्रधानमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे राहुल गांधी
इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के लिए पीएमओ पहुंचे। उनके अलावा, भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना भी पीएमओ में बैठक के लिए पहुंचे हैं। यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस दौरान सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर चर्चा हो सकती है।
बैठक में सरकारी अधिकारी भी शामिल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, PM मोदी और सीजेआई संजीव खन्ना के अलावा बैठक में अन्य महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। यह बैठक खासकर सीबीआई के डायरेक्टर के चयन को लेकर हो रही है। इस समिति में प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा के विपक्ष के नेता शामिल होते हैं, जो मिलकर सीबीआई के नए निदेशक के चयन पर चर्चा करते हैं।अभी इस समय सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद हैं, जिनका कार्यकाल 25 मई को समाप्त हो रहा है। उनकी जगह कौन लेगा, इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस संबंध में विभिन्न नामों पर विचार हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के बीच मुलाकात में इस मसले पर विचार विमर्श हो सकता है।
सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर चर्चा
सीबीआई डायरेक्टर के चयन की प्रक्रिया को लेकर काफी कड़ी प्रावधान हैं, और यह उच्च-स्तरीय समिति इस नियुक्ति के लिए बहुत ही संवेदनशील तरीके से निर्णय लेती है। इसमें उम्मीदवार की योग्यता, कार्य अनुभव और देश की सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर गहरी चर्चा होती है।
देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने एक बार फिर देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में सरकार के लिए यह समय और भी ज्यादा अहम हो गया है, क्योंकि आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। इन सबके बीच सीबीआई निदेशक का चयन भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, क्योंकि सीबीआई का काम न केवल भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को सुलझाना है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में भी यह संस्था प्रमुख भूमिका निभाती है।