Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। सदन का तीसरा दिन हंगामे भरा रहा। सदन में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक – 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक- 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में पेश किया, जिस पर विस्तार से चर्चा हुई। इसके अलावा देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा हुई। अमित शाह ने इस बिल को पेश करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
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कांग्रेस पर साधा निशाना
संसद का सत्र हो, और हंगामा न हो ऐसा कहा हो सकता। आज सदन में अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई आरोप लगाए। इस दौरान उन्होंने कश्मीर पंडितों की बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने इन के लिए कुछ भी नही किया। मौजूदा सरकार (मोदी सरकार) जो भी कश्मीरी पंडितों के लिए कह रही है, उसको इतिहास हमेशा के लिए याद रखेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज जो ये बिल लाया गया है उससे लोगों को न्याय और उनका अधिकार मिलेगा। ये बिल जो आज पेश किया गया है इससे उन लोगों को न्याय मिलेगा जिनका अपमान हुआ है।
22 दिसंबर तक जारी रहेगा सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक जारी रहेगा। बिल पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, “पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए।1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए। यह यह बिल उन लोगों को अधिकार देने का, उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है।”
1980 के दशक के बाद..
अमित शाह ने आतंकवादी दौर के बारें में बोलते हुए कहा कि “1980 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया और वह बड़ा भयावह दृश्य था। जो लोग इस ज़मीन को अपना देश समझकर रहते थे, उन्हें बाहर निकाल दिया गया और किसी ने उनकी परवाह नहीं की। जिन लोगों पर इसे रोकने की ज़िम्मेदारी थी वे इंग्लैंड में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे, जब कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया गया, तो वे अपने देश में शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर हो गए। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार लगभग 46,631 परिवार और 1,57,968 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए। यह विधेयक उन्हें अधिकार दिलाने के लिए है, यह विधेयक उन्हें प्रतिनिधित्व देने के लिए है।”
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पीएम मोदी गरीबों को दर्द जानते
आज विधेयक पेश होने के बाद सदन का माहौल बहुत ही गरमाया रहा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कुछ लोगों ने इसे कम आंकने की भी कोशिश की। किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदल रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ उनका सम्मान जुड़ा है। ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं…नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए। वे गरीबों का दर्द जानते हैं…”
अमित शाह ने पहले पीएम पर निशाना साधा
सदन में अमित शाह ने नेहरू के दौर की गलतियों के बारे में बोलते हुए कहा कि उनकी गलती का खामियाजा कश्मीर को उठाना पड़ा। साथ ही उन्होंने कहा कि “पहली और सबसे बड़ी गलती, जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया. जिसके बाद POK का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज POK भारत का हिस्सा होता।”