प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PMVY (प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना) का ऐलान किया है, जो खासतौर पर उन कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है जो पारंपरिक कला और शिल्प में माहिर हैं। इस योजना का उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे शिल्पकारों, कारीगरों, कच्ची सामग्री के उत्पादकों और अन्य ऐसे व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने कौशल को और बेहतर बना सकें और उन्हें अपने काम के लिए सही पहचान मिल सके।
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पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के कारीगरों और शिल्पकारों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना है, जहां वे अपनी कला को निखार सकें और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें। इसके अंतर्गत उन्हें प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता, और वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि शिल्पकारों को अपनी मेहनत के लिए उचित पहचान मिले और उनका काम देश के आर्थिक विकास में योगदान दे सके।
लाभार्थियों को रोजाना 500 रुपये मिलने का मौका
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपये तक की सहायता दी जाएगी। यह राशि उनके कामकाजी दिन के हिसाब से निर्धारित की जाएगी और यह योजना उन कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगी, जो अपनी मेहनत के जरिए जीविका चलाते हैं। योजना के तहत उन्हें विभिन्न प्रकार की सहायता दी जाएगी, जिनमें प्रशिक्षण, संसाधन, और टूल्स प्रदान किए जाएंगे ताकि वे अपने कार्य में दक्षता बढ़ा सकें और उनकी आय में सुधार हो सके।
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योजना का फायदा किसे मिलेगा?

इस योजना का लाभ देशभर में विभिन्न शिल्पकला से जुड़े कारीगरों, मजदूरों और छोटे उद्यमियों को मिलेगा। इसमें हाथ से काम करने वाले कारीगर, कारपेंटर, लोहार, बढ़ई, मूर्तिकार, कढ़ाई करने वाले, टोकरी बनाने वाले, चमड़े के उत्पाद बनाने वाले, और अन्य शिल्पकला से जुड़े लोग शामिल हैं। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से है, जो अपने कौशल के जरिए रोजी-रोटी कमाते हैं और उनकी पहचान सीमित रहती है।
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क्या है सरकार का लक्ष्य?
सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए भारतीय शिल्पकारों को उनके काम के लिए उचित पहचान और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। साथ ही, यह योजना देश के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत कारीगरों को उनके पारंपरिक कार्यों के लिए नया प्रशिक्षण और अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके।