PM Modi Maldives visit:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा संपन्न करने के बाद शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव रवाना हो गए हैं। यह यात्रा राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के विशेष निमंत्रण पर हो रही है, जिसमें पीएम मोदी मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
डिफेंस और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने वाली यात्रा
भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा (डिफेंस) समझौते सहित कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना जताई जा रही है। मालदीव में भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने जानकारी दी कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों को और गहरा करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
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तीसरी बार मालदीव जा रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी
यह प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी मालदीव यात्रा होगी। इससे पहले उन्होंने 2018 और 2019 में मालदीव का दौरा किया था। इस बार की यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि यह राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के शासनकाल में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की पहली आधिकारिक यात्रा है। ऐसे में मोदी का दौरा दोनों देशों के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।
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समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में होंगे शामिल
मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने 59वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। यह भारत-मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों की गहराई और पारस्परिक विश्वास को दर्शाता है। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मोदी की उपस्थिति को मालदीव की जनता और सरकार द्वारा बेहद सम्मानजनक रूप में देखा जा रहा है।
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हिंद महासागर में रणनीतिक सहयोग को लेकर विशेष चर्चा
माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग, समुद्री निगरानी, आतंकवाद विरोधी प्रयास, आपदा प्रबंधन और आर्थिक विकास से जुड़े मुद्दों पर विशेष चर्चा हो सकती है। भारत और मालदीव दोनों ही हिंद महासागर में स्थायित्व और शांति के लिए सक्रिय साझेदार हैं।
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पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत की “पड़ोसी पहले” (Neighbourhood First) नीति के तहत एक और महत्वपूर्ण पहल है। यह स्पष्ट करता है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत और संतुलित संबंध बनाने के लिए लगातार सक्रिय प्रयास कर रहा है। डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के कार्यकाल की यह पहली राष्ट्राध्यक्ष-स्तरीय यात्रा इस दिशा में एक नई शुरुआत हो सकती है।