कन्याकुमारी में ध्यान साधना से PM मोदी के नए संकल्प,बोले-शून्य की ओर बढ़ रहा था मैं

Mona Jha
By Mona Jha

PM Narendra Modi: लोकसभा चुनाव 2024 1 जून को सात चरणों में देश की 543 सीटों पर होने के बाद समाप्त हो गए 4 जून को अब सभी की नजरें अब आने वाले परिणाम पर टिकी हुई हैं.1 जून से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान साधना करने पहुंचे थे जहां से वापसी के बाद उन्होंने अपनी ध्यान साधना से जुड़े अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा किया है।

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PM मोदी ने ध्यान साधना के अनुभव साझा किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा,”मेरे प्यारे भारतवासियों, लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र के सबसे बड़ा महापर्व का एक पड़ाव आज पूरा हो रहा है। कन्याकुमारी में आध्यात्मिक यात्रा के बाद दिल्ली जाने के लिए हवाई जहाज में आकर बैठा हूं…अनेक सीटों पर मतदान जारी है,जिनमें काशी भी शामिल है…कई सारे अनुभव हैं.मैं खुद में एक असीम ऊर्जा के प्रवाह को महसूस कर रहा हूं.मुझे कन्याकुमारी में भारत मां के चरणों में बैठने का सौभाग्य मिला.शुरुआती पलों में चुनावी कोलाहल, शोर-गुल मेरी आंखों के सामने आ रहे थे…मां, बहनों और बेटियों का प्रेम ज्वार, उनका आशीर्वाद सब मेरी आंखों के सामने आ रहा था,मेरी आंखें तक नम हो रही थी।

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मुझे जन्म से ही ये संस्कार मिले हैं-PM

पीएम मोदी ने आगे लिखा कि,मैं अब शून्यता की ओर बढ़ रहा था और साधना में प्रवेश कर रहा था.अगले कुछ ही पलों में सभी राजनीतिक वाद, विवाद सब कुछ शून्य में समा गए.मेरा मन बाह्य जगत से पूरी तरह अलिप्त हो गया….इतनी बड़ी जिम्मेदारियों के बीच इस तरह साधना में प्रवेश कर पाना कठिन होता है लेकिन कन्याकुमारी की भूमि और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा ने इसे मेरे लिए सहज बना दिया.मैं सांसद के तौर पर अपना चुनाव भी काशी के मतदाताओं के चरणों में छोड़कर यहां आया था.उन्होंने लिखा,मैं भगवान का आभारी हूं कि मुझे जन्म से ही ये संस्कार मिले हैं….कन्याकुमारी में उगते हुए सूरज ने मेरे विचारों को नए आयाम दिए हैं.सागर की विशालता ने मेरे विचारों को विस्तार देने का काम किया है.आसमान के विस्तार ने ब्रह्मांड की गहराई में एकात्मकता का एहसास कराया।

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कश्मीर से कन्याकुमारी हमारी पहचान है

पीएम ने लिखा,कश्मीर से कन्याकुमारी, ये हमारी पहचान है जो हर देशवासी के मन में बसी है.ये वो शक्तिपीठ है, जहां मां शक्ति ने कन्याकुमारी के रूप में अवतार लिया था.दक्षिणी छोर पर मां शक्ति ने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्या की और साधना की.वहीं भगवान शिव उस दौरान हिमालय पर विराजे थे।पीएम मोदी ने लिखा कि,आज भारत प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है…आज भारत का उत्थान केवल भारत के लिए बड़ा अवसर नहीं बल्कि पूरे विश्व में हमारे सभी सहयोगी देशों के लिए भी ऐतिहासिक अवसर है…जी-20 के बाद भारत की इस भूमिका को दुनियाभर के देश स्वीकार कर रहे हैं.भारत को आज ग्लोबल साउथ की एक सशक्त महत्वपूर्ण आवाज के रूप में स्वीकार किया जा रहा है.भारत का डिजिटल इंडिया अभियान आज पूरी दुनिया के लिए उदाहरण बना हुआ है…भारत के अभिनव प्रयोग की चर्चा पूरे विश्वभर में हो रही है।

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भारत की प्रगति से विश्व की प्रगति बड़ा उदाहरण

पीएम मोदी ने कन्याकुमारी में की अपनी ध्यान साधना के अनुभवों को बताते हुए आगे लिखा है भारत के कल्याण से विश्व का कल्याण,भारत की प्रगति से विश्व की प्रगति इसका एक बड़ा उदाहरण हमारी आजादी का आंदोलन भी है.15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ उस समय दुनिया के कई देश गुलामी में थे.भारत की स्वतंत्रता से उन देशों को भी प्रेरणा और बल मिला उन्होंने आजादी प्राप्त की.अभी कोरोना के कठिन कालखंड का उदाहरण भी हमारे सामने है.जब गरीब और विकासशील देशों को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं लेकिन भारत के सफल प्रयासों से तमाम देशों को हौसला भी मिला और सहयोगी भी मिला।

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