Rajasthan High Court के प्लेटिनम जुबली समारोह में शामिल हुए PM Modi, ‘सेकुलर सिविल कोड’ पर जमकर की तारीफ

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Pm Modi

PM Modi on UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जोधपुर में आयोजित राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी स्टेज पर मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘सेकुलर सिविल कोड’ के मुद्दे पर न्यायपालिका की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने समारोह के दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय के संग्रहालय का उद्घाटन किया और कार्यक्रम को संबोधित किया।

संबोधन में पीएम मोदी ने राजस्थान उच्च न्यायालय के 75 वर्षों को संविधान के 75 वर्षों के साथ जोड़ते हुए इसे महान व्यक्तित्वों की न्याय-निष्ठा और योगदानों का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका ने राष्ट्रीय मुद्दों पर सजगता और सक्रियता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई है।

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न्यायपालिका की भूमिका की सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने और सीएए जैसे कानूनों का उदाहरण देते हुए न्यायपालिका की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्पष्ट रुख राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देती है और देशवासियों का न्यायपालिका पर विश्वास मजबूत करती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए न्याय व्यवस्था में आधुनिक बदलाव जरूरी हैं। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता के अपनाने को देश की गुलामी की मानसिकता से उबरने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना सरदार पटेल द्वारा 500 से अधिक रियासतों को एक सूत्र में पिरोने की ऐतिहासिक प्रक्रिया का हिस्सा है। यह उच्च न्यायालय राष्ट्रीय एकता का एक मजबूत आधारशिला है, जिससे देश की न्याय प्रणाली की ताकत भी बढ़ी है।

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सेक्युलर सिविल कोड पर टिप्पणी

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से की गई सेक्युलर सिविल कोड की बात का हवाला देते हुए कहा कि न्यायपालिका दशकों से इसके पक्ष में रही है। उनका मानना है कि इससे न्यायपालिका पर देशवासियों का भरोसा और मजबूत होगा। प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन और समारोह की महत्वपूर्णता, न्यायपालिका की भूमिका और देश के संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि न्याय व्यवस्था और राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर सरकार और न्यायपालिका के बीच तालमेल कायम है।

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