पीएम चीन का नाम तक नहीं लेते’- ओवैसी

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By suhani
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  • असदुद्दीन औवैसी एआईएमआईएम के अध्यक्ष

असदुद्दीन औवैसी एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद हमेशा  बीजेपी पर तीखे तंज को लेकर चर्चाओं में बने रहते है हाल में ही चीन के मुद्दों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी  निशाना साधा है. अक्साई चिन में चीन की सैन्य तैयारियों की खबरों के आधार पर ओवैसी ने कहा कि ये सरकार के लिए खतरे की घंटी है. उन्होंने आगे कहा कि इसके बावजूद पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक के लिए अनुरोध कर रहे हैं

असदुद्दीन ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए चीन की कारगुजारियों के हवाले से केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘सैटेलाइट से पता चलता है कि चीन की ओर से अक्साई चिन में अंडरग्राउंड सैन्य निर्माण बढ़ाया जा रहा है. इस मामले पर भारत की प्रतिक्रिया डरपोक और कमजोर नहीं हो सकती. हमें चीन के सामने खड़े होने की जरूरत है. 

पीएम चीन का नाम तक नहीं लेते‘- ओवैसी

ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे पास ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो चीन का नाम तक नहीं लेते हैं. ओवैसी ने मोदी सरकार पर संसद में चीन मामलों पर चर्चा नहीं करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा ‘यह एक ऐसी सरकार है जो चीन मामले को लेकर संसद में बहस को रोक देती है’.

विशेष सत्र की मांग की

असदुद्दीन औवैसी ने दोनों देशों के बीच सीमा संकट को लेकर और भारत-चीन नीति पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग की है. उन्होंने कहा कि चाहे मणिपुर हो या लद्दाख सरकार ने भारत की जनता को अंधेरे में रखने का काम किया है. चीन ने बीते दिनों एक नया नक्शा जारी किया था जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना क्षेत्र बताया था. यह पहली बार नहीं है जब इस तरह से अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम दिया है. इससे पहले अप्रैल में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम को बदलने की मंजूरी दी थी.

ओवैसी ने यह भी पूछा कि मोदी सरकार सीमा संकट के समाधान के रूप में कुछ भी स्वीकार करने के लिए सेना पर दबाव क्यों डाल रही है। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि वह मई 2020 की यथास्थिति पर लौटने पर जोर क्यों नहीं दे रही है। हम क्या छुपा रहे हैं। लद्दाख में क्या हो रहा है। सैटेलाइट तस्वीरें बिल्कुल स्पष्ट हैं। हम देपसांग और देमचोक में गश्त करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख के आईपीएस अधिकारी ने डीजीपी कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट रूप से कहा कि हम 65 गश्त बिंदुओं में से 25 पर गश्त नहीं कर सकते। यह जमीन हमारे देश की है। यह भाजपा या किसी राजनीतिक दल की कोई निजी संपत्ति नहीं है। ये धरती हमारे देश की सुरक्षा से गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने पूछा आप कह रहे हैं कि डिस-इंगेजमेंट हुआ है, लेकिन डी-इंडक्शन कब होगा

ओवैसी ने कहा कि देश की बहादुर सेना पिछले 40 महीने से ऊंचे पहाड़ों पर चीन की सेना का सामना कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर देश ने अपना क्षेत्र खो दिया है। अगर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार चीन के सामने झुक रही है तो यह शर्मनाक होगा। उन्होंने कहा कि जो 2,000 वर्ग किलोमीटर हमने खोया है, वह भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है। वह हमारे देश की जमीन है। यह हमारे देश की सुरक्षा का अभिन्न अंग है।ओवैसी ने मांग की कि सरकार को सेना को खुली छूट देनी चाहिए जो बहादुर और सक्षम है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह युद्ध की नहीं बल्कि हमारी

भूमि की सुरक्षा की बात कर रहे हैं। भारतीय क्षेत्र पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।ओवैसी ने कहा कि सेना को बिना किसी दबाव के स्वतंत्र निर्णय लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम कहे गए शब्द ‘ना कोई घुसा है, नो कोई घुसेगा’ को याद करते हुए उन्होंने पूछा कि 19 दौर में चीन के साथ क्या चर्चा हुई। AIMIM अध्यक्ष ने कहा कि चीन हमेशा समग्र संबंधों की बात करता है क्योंकि वह सीमा मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता। ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान को याद किया कि जब तक सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते

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