NEET PG परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की अपील ठुकराई

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
NEET PG परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज

NEET PG Exam 2024: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 11 अगस्त को होने वाली नीट पीजी परीक्षा (NEET PG exam) को स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि लाखों छात्रों को परीक्षा देनी है, और ऐसे में अंतिम समय में परीक्षा स्थगित करने का आदेश देना संभव नहीं है. याचिकाकर्ता का तर्क था कि कई छात्रों के परीक्षा केंद्र ऐसे दूरस्थ शहरों में हैं, जहां तक पहुंचना उनके लिए मुश्किल है.

Read More: UP में BKU के ट्रैक्टर तिरंगा मार्च को पुलिस ने की रोकने की कोशिश,विरोध में धरने पर बैठे किसान

याचिकाकर्ताओं के तर्क

याचिका में कहा गया कि परीक्षा केंद्रों का आवंटन कदाचार रोकने के उद्देश्य से किया गया है, लेकिन समय की कमी के कारण कई उम्मीदवारों के लिए विशेष शहरों तक यात्रा की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है. नीट यूजी परीक्षा (NEET UG exam) पहले 23 जून को आयोजित होनी थी, लेकिन कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.

‘2 लाख छात्रों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते’

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह पांच छात्रों की परेशानियों की वजह से 2 लाख छात्रों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने बताया कि उन्हें लगभग 50 हजार से अधिक छात्रों ने इस मुद्दे पर संदेश भेजे हैं, जो परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.

Read More: Bangladesh में बिगड़े हालातों के बीच भारत ने उठाया बड़ा कदम, बॉर्डर निगरानी के लिए समिति का गठन

परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले पर भी उठे सवाल

परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले पर भी उठे सवाल
परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले पर भी उठे सवाल

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में यह भी मुद्दा उठाया कि परीक्षा दो बैचों में आयोजित की जा रही है, लेकिन उम्मीदवारों को नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला नहीं बताया गया है, जिससे मनमानी की आशंकाएं उत्पन्न हो रही है. याचिका में कहा गया कि 2 लाख से अधिक छात्र इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, और परीक्षा 185 शहरों में आयोजित की जानी है. इस वजह से यात्रा के लिए ट्रेन टिकट उपलब्ध नहीं होंगे और हवाई किराए में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे बड़ी संख्या में छात्रों के लिए अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.

एक ही बैच में परीक्षा कराने का सुझाव

एक ही बैच में परीक्षा कराने का सुझाव
एक ही बैच में परीक्षा कराने का सुझाव

याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधि एडवोकेट ने तर्क दिया कि पारदर्शिता की कमी और दूरदराज के परीक्षा केंद्रों से उत्पन्न चुनौतियों से कई छात्रों को नुकसान हो सकता है. याचिकाकर्ताओं में से एक, विशाल सोरेन (Vishal Soren) ने सुझाव दिया कि एक ही बैच में परीक्षा आयोजित करने से सभी उम्मीदवारों के लिए समान परीक्षा का माहौल सुनिश्चित होगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन तर्कों को स्वीकार नहीं किया और याचिका को खारिज कर दिया, जिससे 11 अगस्त को परीक्षा आयोजित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया.

Read More: Paris Olympics 2024: विनेश फोगाट के डिसक्वालीफिकेशन पर CAS का बड़ा अपडेट,फैसले की तारीख का ऐलान

Share This Article
Exit mobile version