भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को लेकर सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिससे UPI उपयोगकर्ताओं को ट्रांजैक्शन फेल होने पर अब तुरंत रिफंड मिलेगा। इस नियम का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव देना और ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है।
Read More:AI के क्षेत्र में होंगे बड़े बदलाव, MTW 2025 में क्या होगा खास?
क्या है नया नियम?

UPI के तहत होने वाले ट्रांजैक्शन में कई बार तकनीकी कारणों या बैंकिंग सिस्टम की समस्याओं के कारण भुगतान फेल हो जाता है। इससे यूज़र को परेशानी होती है, क्योंकि कभी-कभी पैसे बैंक अकाउंट से कट जाते हैं, लेकिन रिफंड मिलने में कई दिन लग जाते हैं। लेकिन नए नियम के तहत, अगर UPI ट्रांजैक्शन फेल होता है, तो उपयोगकर्ताओं को रिफंड की प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाएगी। यह रिफंड कुछ ही घंटों के भीतर उनके खाते में वापस जमा हो जाएगा।
रिफंड की प्रक्रिया कैसे काम करेगी?
जब UPI ट्रांजैक्शन फेल होता है, तो संबंधित बैंक या पेमेंट सेवा प्रदाता (PSP) को उपयोगकर्ता के खाते में रिफंड जारी करने का आदेश देना होगा। यदि किसी कारणवश ट्रांजैक्शन पूरी नहीं हो पाता, तो तुरंत उपयोगकर्ता को रिफंड प्राप्त होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित होगी, जिससे उपयोगकर्ताओं को किसी भी प्रकार की मैन्युअल दखलअंदाजी की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, ट्रांजैक्शन फेल होने पर उपयोगकर्ता को एक संदेश या नोटिफिकेशन के माध्यम से रिफंड की स्थिति की जानकारी भी दी जाएगी।

Read More:Google लाया नया धमाकेदार फीचर! WhatsApp वीडियो कॉल से हो सकेंगें सीधे कनेक्ट
क्यों लाया गया यह नियम?
यह नया नियम UPI की ट्रांजैक्शन प्रक्रिया को और भी तेज और विश्वसनीय बनाने के लिए लाया गया है। पहले, जब ट्रांजैक्शन फेल होता था, तो यूज़र्स को रिफंड के लिए दिनोदिन इंतजार करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, जिससे यूज़र्स में असंतोष पैदा होता था। अब इस नए नियम से न केवल उपयोगकर्ताओं की परेशानी कम होगी, बल्कि UPI सिस्टम की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

Read More:Ayushman Card: किन दस्तावेजों के न होने पर आयुष्मान कार्ड हो सकता है रद्द?
रिफंड के लिए किन स्थितियों में मिलेगा?
नए नियम के तहत रिफंड उन्हीं स्थितियों में मिलेगा जब ट्रांजैक्शन पूरी तरह से फेल हो जाए। इसमें तकनीकी कारणों, नेटवर्क समस्याओं या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर से संबंधित मुद्दों के कारण फेल होने वाले ट्रांजैक्शन शामिल हैं। हालांकि, अगर ट्रांजैक्शन सफल होता है, तो रिफंड नहीं मिलेगा।