Lucknow News: बीते महीने लखनऊ के ताज होटल (Taj Hotel) के पास हुई छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उस दिन बड़ी संख्या में युवकों ने बाइक से जा रही एक युवती को गिराकर उससे छेड़छाड़ की और विरोध करने पर जमकर बदसुलूकी की थी। उसमें पुलिस ने कुल 29 गिरफ्तारियां की थी। उनमें से एक आरोपी पवन यादव पर पहले से ही पांच मुकदमे दर्ज हैं। यह जानकारी लखनऊ पुलिस ने तब दी जब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पवन यादव से मुलाकात करने के बाद उसे ‘बेचारा’ बताया। पुलिस के अनुसार, पवन यादव और मोहम्मद अरबाज को सबसे पहले इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ था।
अखिलेश यादव का बयान पड़ा भारी
गोमती नगर में हुए छेड़छाड़ के मामले में आरोपी पवन यादव बेल पर जेल से बाहर आया हुआ है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने पवन यादव से मुलाकात की और योगी सरकार पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया। सिर्फ इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने आगे कहा, “जब पवन यादव और अन्य आरोपी पकड़े गए, तो उनका नाम विधान सभा में लिया गया। यह युवक सिर्फ चाय पीने गया था और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद भी जिन अधिकारियों ने सरकारी इमेज सुधारने के लिए पवन यादव को थाने में दिखाया, जिन्होंने यह हाथ जोड़कर के तस्वीर छापी है मैं इनसे भी कहूंगा उनको मत भूलना और हम लोग भी नहीं भूलेंगे। क्योंकि नाम तो और भी पढ़े जाने चाहिए थे, और क्यों नहीं पढ़े गए।”
पुलिस ने किया खुलासा
इसके बाद लखनऊ पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि पवन यादव पर पहले से तीन मुकदमे दर्ज थे, और गहन छानबीन के बाद दो और मुकदमे सामने आए हैं। कुल मिलाकर, पवन यादव पर पांच मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें धारा 307, मारपीट और बलवा भी शामिल हैं। एडीसीपी ईस्ट पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की तफ्तीश अभी भी जारी है और जो भी जांच में निर्दोष पाया जाएगा, उसे छोड़ दिया जाएगा। पुलिस की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि सभी कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर ही की गई है और पवन यादव को न तो पुलिस ने क्लीन चिट दी है और न ही अदालत ने उसे आरोप मुक्त किया है।
पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई और विभागीय जांच
घटना के बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी ईस्ट प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी ईस्ट अमित कुमावत, एसीपी गोमती नगर अंशु जैन को तत्काल हटा दिया गया था। इसके अलावा गोमती नगर SHO दीपक पांडेय, चौकी इंचार्ज ऋषि विवेक, दरोगा कपिल, सिपाही वीरेंद्र और धर्मवीर को सस्पेंड कर दिया गया था। इस घटना के बाद वीडियो वायरल होने से उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच भी चल रही है।
अखिलेश यादव का पवन यादव से मुलाकात करना और उसे ‘बेचारा’ कहना, राजनीतिक नाटक का एक हिस्सा भी हो सकता है। हालांकि, पुलिस द्वारा पवन यादव पर पहले से दर्ज पांच मुकदमों की जानकारी देना मामले को और गंभीर बना देता है। लेकिन इससे पुलिस की तफ्तीश में कोई खलल नहीं पद सकता है। इस मामले में कई नाबालिगों समेत कुल 28 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।