पटना हाई कोर्ट ने बाहुबली Anant Singh को दी राहत, AK-47 मामले में हुए बरी

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Anant Singh

Anant Singh News: बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें एके-47 मामले में कोर्ट ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सिविल कोर्ट ने अनंत सिंह को 10 साल की सजा सुनाई थी और वे तिहाड़ जेल में बंद थे। कोर्ट के इस फैसले के बाद अनंत सिंह के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है और उन्होंने जश्न मनाना शुरू कर दिया है।

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चुनाव प्रचार में पैरोल पर थे बाहर

इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह को अपनी संपत्ति के बंटवारे के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था। पैरोल के दौरान वे काफी चर्चा में रहे और उन्होंने जेडीयू उम्मीदवार ललन सिंह के लिए प्रचार भी किया। अनंत सिंह ने ललन सिंह को खुला समर्थन दिया और उनकी जीत की भविष्यवाणी भी की थी। मुंगेर लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, जहां आरजेडी ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को टिकट दिया था।

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क्या है AK-47 मामला

अनंत सिंह के घर से 2019 में AK-47 राइफल, ग्रेनेड और कारतूस बरामद किए गए थे। इस मामले में सिविल कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी और वह 2026 से जेल में बंद थे। पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह और उनके करीबी सुनील राम के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। उस समय अदालत में 13 गवाह पेश किए गए थे, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 34 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए थे। सभी पक्षों को सुनने और सबूतों की जांच करने के बाद अदालत ने अनंत सिंह को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी।

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हाई कोर्ट का फैसला

पटना हाई कोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर झा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ऑर्डर को रिजर्व रखा था। सबूतों के अभाव में हाई कोर्ट ने अनंत सिंह को बरी कर दिया है, जिससे उनके जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले से उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है और वे इसे न्याय की जीत मान रहे हैं। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत अनंत सिंह पर चल रहे मामले में पटना की एक अदालत ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी विधायकी खत्म हो गई थी। पटना की एमपी एमएलए कोर्ट ने अनंत सिंह और सुनील राम दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। दोषी ठहराए जाने के बाद अनंत सिंह अयोग्य घोषित कर दिए गए थे।

इस फैसले से अनंत सिंह के समर्थकों में खुशी है, लेकिन यह भी सवाल उठता है कि क्या कानून और न्याय प्रणाली इस तरह के बाहुबलियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम कर पा रही है? अनंत सिंह का राजनीतिक करियर हमेशा विवादों से घिरा रहा है, और इस तरह के फैसले से उनके समर्थकों को बल मिलेगा।

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