सदर अस्पताल में डॉक्टर के रवैये से मरीज व स्वजन परेशान

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ही अस्पताल को कर रहें है कलंकित

Bihar Reporter: Virendr Kumar
Bihar: बिहारशरीफ सदर अस्पताल में शनिवार की देर रात डॉक्टरों की लापरवाही व कफसिरप उपलब्ध नहीं होने का मामला प्रकाश में आया है। शनिवार देर रात ड्यूटी में तैनात डॉ. निर्मल अपने चेंबर में होने के बावजूद मरीज को देखना उचित नही समझते है। बस अपनी कुर्सी गर्म करने में लगे रहते है। ऐसा हम नही बल्कि मरीज के स्वजनों का कहना है। गंभीर हालत में इलाज करवाने आए मरीज को डॉक्टर के होने बावजूद भी दर्द से कराहना पड़ रहा है।

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अस्पताल प्रबंधन और ऐसी ही डॉक्टरों की वजह से सदर अस्पताल बिहारशरीफ लगातार कलंकित हो रहा है। फिर भी उपर बैठे वरीय अधिकारी नजरंदाज कर रहे कारवाई की अनुशंसा कर रहें और परिणाम शून्य। साथ ही अस्पताल में सर्दी खांसी के मरीजों को कफ सिरप अस्पताल में नही मिल रहा है। बाहर के दवाई दुकानों से कफ सिरप की खरीदारी स्वजन कर रहे है।

डॉक्टरों को मरीज का इलाज करने में आती शर्म

वहीं सदर अस्पताल बिहारशरीफ में इलाज के लिए आई मरीज प्रतिमा देवी के स्वजन सार्थक कुमार ने बताया की सदर अस्पताल बिहारशरीफ में शनिवार देर रात 11 बजकर 56 मिनट तक डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे और मरीज की हालत बेहद ही गंभीर थी। ये सरकारी अस्पताल तो एक कलंक है जहां डॉक्टर मरीज को देखना नहीं चाहते है। जबकि डॉक्टर अपने चेंबर की कुर्सी गर्म करने में लगे थे लेकिन मरीज को चेक करना उचित नहीं समझते हैं। बस एक पुर्जा पर कुछ दवाइयां लिख दी गई बस हो गया इलाज।

सरकारी अस्पताल में क्या ऐसे होता है इलाज ? आपको ये भी बता दें की सदर अस्पताल बिहार शरीफ में शनिवार की रात डॉ. निर्मल कुमार की ड्यूटी थी। मैंने डॉक्टर से मिलकर बात भी किया और कहा सर एक बार मरीज को देख लो पहले आप उन्होंने साफ मना कर दिया अब बिना मरीज के देखें हुए डॉ. निर्मल ने दवाई कैसे लिख दिया ? अगर ऐसी प्रस्थिति में मरीज के साथ कोई घटना घटती है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा ?

सर्दी खांसी के मरीजों को नहीं मिल रहा कफ सिरप

वहीं एक महिला मरीज महिला निकी देवी के पति गुंजन कुमार ने भी अस्पताल के व्यवस्थाओं पर असंतोष जताते हुए कहा कि खांसी सर्दी के लिए सदर अस्पताल में सिरप नहीं मिला। सदर अस्पताल में सही से इलाज नहीं हो पा रहा है नतीजा ये है की मुझे अपनी बीवी के लिए सिरप बाहर की दवाई दुकानों से खरीद के लाना पड़ता है। वहीं अस्पताल के कर्मचारी दिनेश चौधरी ने बताया की यहां इस अस्पताल के वर्षो से खांसी के कफसिरप नही आता है अब मरीज के स्वजनों को कफ सिरप बाहर के ही दवाई दुकानों से खरीदनी पड़ती है।

सिविल सर्जन ने कहा- वहीं इन दोनो मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार ने कहा की डॉक्टर निर्मल द्वारा मरीज को नहीं देखना इस मामले की जानकारी तो मुझे नहीं है मैं पता करता हूं उसके बाद जो भी उचित निर्णय होगा लिया जायेगा। साथ ही बात करे सदर अस्पताल में कफ सिरप की तो जब से बिहार में शराब बंदी कानून लागू हुआ तबसे ही अस्पताल में कफ सिरप की उपलब्धता पर रोक लग गई। बाहर की दवाई दुकानों में मिलती है लेकिन उसमे भी कई कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

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